पटना : माता के पट खुलने के साथ ही शहर के पूजा पंडालों में भीड़ उमड़ने लगी है. नवरात्र के नौ दिनों में अंतिम दिन सोमवार को मां देवी सिद्धिदात्रि की अाराधना होगी. नवरात्र उपासक इस दिन हवन की पूर्णाहूति करेंगे. इससे पहले कुंवारी कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोग लगाया जायेगा. नवमी के दिन मंदिरों में बलि देने की प्रथा है. इसको देखते हुए कुछ मंदिरों में इस प्रथा का सांकेतिक निर्वहन होगा. विजयादशमी (मंगलवार) को स्थापित कलश में जमायी गयी जयंती को काटते ही पूजा संपन्न हो जायेगी.
इसी दिन गांधी मैदान में रावण वध कार्यक्रम का आयोजन भी होगा. इसको लेकर आयोजक श्री दशहरा कमेटी ट्रस्ट व जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है. बारिश से बचने के लिए रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों को वाटरप्रूफ बनाया गया है. दशमी को ही माता की विदाई होगी.
विदाई का सबसे मनोरम दृश्य भद्रघाट पर दिखेगा, जहां पर हर साल की भांति इस बार भी बड़ी देवी जी और छोटी देवी जी का मिलन होगा. खोइंचा की अदला-बदली के बाद उनका विसर्जन किया जायेगा. इससे पहले रविवार को महाष्टमी पर माता के महागौरी स्वरूप के पूजन को लेकर पूजा पंडालों में खूब भीड़ उमड़ी. श्रद्धा व भक्ति गीतों से शहर का माहौल सराबोर होता रहा.
शुभ मुहूर्त
- नवमी तिथि की शुरुआत छह अक्तूबर को 02:16 दिन से
- नवमी तिथि समाप्त सात अक्तूबर को 03:04 दिन तक
- अभिजित मुहूर्त : सात अक्तूबर को सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:32 बजे तक