मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 14 को करेंगे पटना में जलजमाव की समीक्षा, इन मुद्दों पर होगी जांच
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने सोमवार (14 अक्तूबर) को पटना में जलजमाव मामले में अधिकारियों की पेशी होगी. मुख्यमंत्री आला अधिकारियों के साथ जलजमाव को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग और पटना नगर निगम के अधिकारी भी साथ होंगे. मुख्यमंत्री द्वारा जलजमाव के कारणों की जानकारी ली […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने सोमवार (14 अक्तूबर) को पटना में जलजमाव मामले में अधिकारियों की पेशी होगी. मुख्यमंत्री आला अधिकारियों के साथ जलजमाव को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग और पटना नगर निगम के अधिकारी भी साथ होंगे.
मुख्यमंत्री द्वारा जलजमाव के कारणों की जानकारी ली जायेगी. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जनता में यह आशंका है कि बारिश के मौसम में संप हाउस बंद थे.
ऐसी स्थिति में जनता की आशंका को दूर करने के लिए जलजमाव की जांच भी करायी जायेगी. जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई भी की जायेगी. मंत्री ने जांच टीम को निर्देश दिया है कि अगर आवश्यक हो तो सड़क के 10 फुट के नीचे नालों का नक्शा व केबुल की एक्स-रे फोटो का भी सहारा लिया जाये. अगली किसी ड्रेनेज योजना में बगैर एक्स-रे रिपोर्ट के डीपीआर नहीं तैयार करने के निर्देश दिये गये. जांच में किन नालों का नक्शा है और किन नालों का नक्शा नहीं है, इसकी भी रिपोर्ट बनायी जायेगी.
जांच में ऐसा नहीं होगा कि केवल कनीय पदाधिकारियों व कर्मियों की असफलता चिह्नित कर दी जाये. पटना में जलजमाव को लेकर कंटूर लाइन के आधार को देखा जा रहा है. बारिश के बाद सबसे अंत में किस स्थान से पानी की निकासी की गयी. वह राजधानी की सबसे निचले क्षेत्र को चिह्नित कर उसके अनुरूप योजना तैयार की जायेगी. आवश्यक हुआ तो वैसे स्थलों पर अधिक संप हाउस की स्थापना की जायेगी.
एक हफ्ते में जांच, 15 दिनों में कार्रवाई
शहर में हुए जलजमाव को लेकर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है. इसमें विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार को अध्यक्ष और बुडको के एमडी व पटना नगर निगम के आयुक्त को सदस्य बनाया गया है. जांच टीम प्रत्येक बिंदु की जांच करेगी. कौन-कौन पदाधिकारी व अभियंता जलजमाव के लिए जिम्मेदार रहे हैं, इसका स्पष्ट उल्लेख करना होगा. जांच टीम को एक सप्ताह में ही जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिये गये हैं. मंत्री ने 15 दिनों में कार्रवाई करने की बात कही है.
इन मुद्दों पर होगी जांच
किसी क्षेत्र में जलजमाव हुआ, इसके लिए कौन पदाधिकारी या अभियंता जिम्मेदार हैं.
सिस्टम में किस प्रकार कमी रही, क्या संप हाउस नहीं चले.
क्या नालों की सफाई नहीं हुई थी, जिससे जल प्रवाह ठीक से नहीं हो पाया. नाला उड़ाही पर कितने खर्च हुए.
जलजमाव से निबटने के लिए नगर निगम ने क्या योजना बनायी थी, जल निकासी के लिए निगम के पास कितने उपकरण थे, किनका उपयोग हुआ और किनका नहीं, कारण सहित.
कितने संप हाउस हैं, किस पर कितने कर्मियों व अधिकारियों व अभियंताओं की तैनाती है, इसका पूरा विवरण.
नमामि गंगे योजना से अगर जलजमाव हुअा, तो उसे चिह्नित कर प्रतिवेदन तैयार किया जाये.