15 साल पुरानी गाड़ियों में सीएनजी लगेगी, तो हो जायेगी फिट
पटना : बिहार को प्रदूषण मुक्त करने के लिए परिवहन विभाग सीएनजी को बढ़ावा देगी. विभाग ने तीन कंपनियों को राज्य भर में सीएनजी किट लगाने की अनुमति दी है. विभाग ने कहा है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों को सीएनजी में बदल दिया जाये, तो उसे फिट माना जायेगा. जिन कंपनियों को प्रदेश में […]
पटना : बिहार को प्रदूषण मुक्त करने के लिए परिवहन विभाग सीएनजी को बढ़ावा देगी. विभाग ने तीन कंपनियों को राज्य भर में सीएनजी किट लगाने की अनुमति दी है.
विभाग ने कहा है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों को सीएनजी में बदल दिया जाये, तो उसे फिट माना जायेगा. जिन कंपनियों को प्रदेश में सीएनजी की अनुमति मिली है, इनमें मुंबई की एक कंपनी ने कंकड़बाग में डीलर प्वाइंट बनाया है. बाकी दो कंपनियां इंदौर व नयी दिल्ली की है. सीएनजी को बढ़ावा देने के लिए सभी डीटीओ को पत्र भेज दिशानिर्देश भी जारी किया है, ताकि अधिक-से-अधिक गाड़ियों में सीएनजी किट लग सके.
शहरी क्षेत्रों से होगी शुरुआत : विभाग के मुताबिक राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों प्रदूषण मुक्त करने के लिए पदाधिकारियों को निर्देश भेजा गया है. शहरी क्षेत्रों में चल रही डीजल और पेट्रोल की तीन पहिया गाड़ियों से सबसे अधिक प्रदूषण हो रहा है. इसलिए इन गाड़ियों में सीएनजी लगे, इसको लेकर हर जिलों में तेजी से काम होगा. विभाग से मिलने वाले फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच सख्ती से होगी.
बीएसआरटीसी की 25 बसों को भी सीएनजी में कनवर्ट किया जायेगा. राज्य भर में चलने वाले तीन पहिया गाड़ी आॅटो, टेंपो के मालिकों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह पर कैंप लगाया जायेगा़ ताकि, लोगों को सीएनजी लगाने के फायदे के बारे में पूरी जानकारी मिल सके. वहीं प्राइवेट गाड़ियों में कार या कॉमर्शियल में बड़ी गाड़ी को भी कनवर्ट करने को लेकर अभियान चलाया जायेगा.
अधिकारियों को निर्देश
– सीएनजी किट निर्माता कंपनियों को डीलर बनाया जायेगा, लेकिन इसकी सूचना संबंधित जिलाें के जिला परिवहन पदाधिकारी को देना होगा. ऐसा नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
– सीएनजी गाड़ियों की जांच और सुरक्षा को देखते हुए समय-समय पर उसकी जांच भी होगी. लोगों को किट लगाने के बाद परेशानी होने पर उसकी सूचना डीलर को तुरंत देंगे. अगर किट में कोई परेशानी होगी, तो इसकी जिम्मेदारी निर्माता और सप्लायर की होगी.
– सीएनजी किट खरीदे जाने की तारीख से तीन वर्ष तक वैद्य होगा और एक बार में तीन वर्ष तक के लिए नवीनीकरण योग्य होगा.