15 नवंबर को जारी होगी प्रदेश की नयी मतदाता सूची
पटना : राज्य की नयी मतदाता सूची 15 नवंबर को जारी कर दी जायेगी. चुनाव आयोग ने पूर्व निर्धारित 15 अक्तूबर के समय को एक माह के लिए आगे बढ़ा दिया है. इस दौरान मतदाताओं को वोटर लिस्ट में नाम के सत्यापन करने का मौका मिल जायेगा. प्रारूप प्रकाशन के बाद आयोग द्वारा दावा आपत्ति […]
पटना : राज्य की नयी मतदाता सूची 15 नवंबर को जारी कर दी जायेगी. चुनाव आयोग ने पूर्व निर्धारित 15 अक्तूबर के समय को एक माह के लिए आगे बढ़ा दिया है. इस दौरान मतदाताओं को वोटर लिस्ट में नाम के सत्यापन करने का मौका मिल जायेगा. प्रारूप प्रकाशन के बाद आयोग द्वारा दावा आपत्ति की मांग की जायेगी. राज्य की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 20 जनवरी को किया जायेगा. वर्ष 2019 की मतदाता सूची के अनुसार राज्य के सात करोड़, 60 लाख, 3,778 मतदाता हैं.
पिछले साल कुल 14 लाख, 41,237 मतदाताओं ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान आपत्ति जतायी थी. चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन में एक माह का विस्तार करने की वजह बतायी है. आयोग यह कदम राज्यों द्वारा मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधित करने के लिए दिये गये आवेदनों के निस्तारण की गति धीमी होने के कारण उठाया है. मतदाता सूची को 100 फीसदी शुद्ध बनाने के लिए आयोग की ओर से मतदाता सत्यापन का कार्यक्रम एक अगस्त से आरंभ किया गया है.
इस गतिविधि में परिवार के सदस्यों का नाम एक ही भाग में दर्ज करने, गृह संख्या दर्ज करने, जीआइएस के माध्यम से चिह्नित करने, मतदान केंद्र के निचले तल पर अवस्थि करने, मतदाता केंद्रों की दूरी दो किलोमीटर से अधिक न हो और प्राकृतिक बाधाओं को पार न किये जाने की पुष्टि किया जाना, दोहरी मतदाता, मरे हुए का नाम हटाना और छूटे हुए भावी मतदाताओं के नाम का डाटाबेस तैयार करने की गतिविधियां शामिल हैं. आयोग ने प्रारूप प्रकाशन के पहले इस प्रकार की गतिविधियों को त्रुटि रहित बनाने का निर्देश दिया था. साथ ही धुंधले और खराब फोटोग्राफ को बदलने का निदेश भी दिया गया है.
मतदाताओं ने सूची को लेकर आपत्ति जतायी थी
वर्ष 2019 की मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान कुल 14 लाख, 41,237 मतदाताओं ने मतदाता सूची को लेकर आपत्ति जतायी थी. इसमें 6,68,943 पुरुषों ने आपत्ति का आवेदन दिया था जिसमें 3,18,392 का आवेदन पत्र स्वीकार किया गया था. इसी तरह से पिछले वर्ष 7,71,989 महिलाओं ने आपत्ति दर्ज की थी जिसमें 2,57,205 के आवेदन को स्वीकार किया गया. इस दौरान अन्य वर्ग के 305 मतदाताओं ने आपत्ति दर्ज किया था जिसमें 36 के आपत्तियों को स्वीकार किया गया था.
निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले साल मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में पांच लाख 64 हजार 242 मतदाताओं का नाम सूची से हटाया गया था. इसमें 342462 मतदाताओं का नाम उनकी मृत्यु के बाद तो 99,617 का नाम पता के बदलाव के कारण जबकि 1,22,163 मतदाताओं का दोहरा नाम दर्ज होने के बाद मतदाता सूची से हटाया गया.