जलजमाव मामले मेें अवमानना के दोषी बख्शे नहीं जायेंगे : हाइकोर्ट
पटना : पटना में हुए जलजमाव के मामले की सुनवाई अब पटना हाइकोर्ट में 18 अक्तूबर को होगी. बुधवार को महाधिवक्ता ललित किशाेर के अदालत मेें नहीं रहने के कारण इस मामले की सुनवाई टल गयी. अब सुनवाई शुक्रवार को निर्धारित की गयी है. न्यायाधीश शिवाजी पांडेय और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस […]
पटना : पटना में हुए जलजमाव के मामले की सुनवाई अब पटना हाइकोर्ट में 18 अक्तूबर को होगी. बुधवार को महाधिवक्ता ललित किशाेर के अदालत मेें नहीं रहने के कारण इस मामले की सुनवाई टल गयी. अब सुनवाई शुक्रवार को निर्धारित की गयी है. न्यायाधीश शिवाजी पांडेय और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस मामले में सरकारी रवैये पर मौखिक तौर पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा की सुनवाई के दौरान जो भी अफसर अदालती आदेश की अवमानना के जिम्मेदार पाये जायेंगे, उन्हें हाइकोर्ट द्वारा बख्शा नहीं जायेगा.
इसी दौरान वकीलों की तरफ से राज्य सरकार द्वारा दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने और इंजीनियरों का तबादला किये जाने की बात कही गयी, तो कोर्ट ने कहा कि सरकार जो भी कदम उठाये, लेकिन हाइकोर्ट के आदेशों की अवमानना पर कोई भी अफसर बख्शा नहीं जा सकता. जलजमाव को लेकर हाइकोर्ट में दायर लोकहित याचिका बुधवार को न्यायाधीश शिवाजी पांडे और न्यायाधीश पार्थसारथी की खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी.
सुनवाई के लिए कोर्ट में जैसे ही पुकारा गया, राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि महाधिवक्ता पटना से बाहर हैं. अत: सुनवाई शुक्रवार 18 अक्तूबर को की जाये. सरकार की तरफ से अनुरोध के बाद मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दी गयी.
विदित हो कि श्याम किशोर शर्मा बनाम बिहार राज्य सरकार एवं अन्य जनहित याचिकाओं पर पटना हाइकोर्ट द्वारा पूर्व में भी इस मामले को लेकर कई आदेश जारी किये जा चुके हैं. अब मामलों के आलोक में दायर सभी जनहित याचिकाओं की सुनवाई 18 अक्तूबर को होगी .
इधर, पटना के जल निकासी में सरकारी तंत्र के फेल होने की शिकायत को लेकर पूर्व सांसद पप्पू यादव सीधा कोर्ट पहुंच गये. न्यायाधीश शिवाजी पांडेय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में जैसे ही इस मामले की सुनवाई के लिए पुकारा गया, खंडपीठ के समक्ष खुद खड़े होकर पप्पू यादव ने पटना के जलजमाव की समस्या को दूर करने में राज्य सरकार की नाकामी पर जनहित में कार्रवाई करने की गुहार लगायी.
उन्होंने कोर्ट को कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही और नाकामी से राजधानी की स्थिति नारकीय हो गयी थी. लेकिन, हाइकोर्ट ने पप्पू यादव को सुनने से इन्कार करते हुए कहा कि कृपया हाइकोर्ट को पॉलिटिकल प्लेटफॉर्म न बनाएं. कोर्ट ने कहा कि उन्हें जो कहना हो, वकील के माध्यम से याचिका दायर कर कहें. अदालत अपना उचित आदेश पारित करेगी.
- 18 को होगी जलजमाव मामले की सुनवाई
- कोर्ट पहुंच खुद बहस करने लगे पप्पू यादव
- खंडपीठ ने कहा- कोर्ट को राजनीतिक प्लेटफार्म नहीं बनाएं
- पटना हाइकोर्ट के वकील की डेंगू से हुई मौत
पटना. पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव लोचन की मौत डेंगू से हो गयी. दो-तीन दिन पहले वे डेंगू बुखार से पीड़ित हुए थे. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. बक्सर के रहनेवाले राजीव लोचन पूर्व राजकीय अधिवक्ता अवधेश कुमार पांडेय के सहायक अधिवक्ता के रूप में हाइकोर्ट में काम कर चुके थे. पटना में अब तक डेंगू से पांच लोगों की मौत हो चुकी है. मंगलवार को पुलिस परिवहन मुख्यालय के हवलदार चालक की मौत हुई थी.
वकील राजीव लोचन के असामयिक निधन पर वकीलों में शोक और आक्रोश व्याप्त है. जलजमाव के बाद डेंगू के कहर ने राजीव लोचन की जान ले ली. भाजपा विधि विधायी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक तारकेश्वर नाथ ठाकुर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह, अधिवक्ता राजन सहाय और अधिवक्ता राजेश वर्मा ने राज्य सरकार से पर्याप्त मुआवजा राजीव लोचन के परिवार को देने की मांग की है.
अधिवक्ता अवधेश कुमार पांडेय, राजेश कुमार सिंह और पवन चौधरी ने कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा वकील समुदाय राजीव लोचन के परिवार के साथ खड़ा है. जो भी संभव होगा, परिवार की मदद की जायेगी. अधिवक्ता राजीव लोचन बक्सर जिले के गांव डिहरी, चौसा के रहने वाले थे. इनकी उम्र 50 वर्ष के करीब थी. ये पटना में अपने माता-पिता, पत्नी और एक बेटी के साथ नेहरू नगर में रहते थे.
डेंगू के 239 नये मरीज मिले
पटना/फतुहा. राजधानी में डेंगू लगातार पैर पसारता जा रहा है. बुधवार को पीएमसीएच, एनएमसीएच और निजी अस्पतालों में डेंगू के 239 नये मरीज मिले. पीएमसीएच के वायरोलॉजी विभाग में 108 मरीजों में डेंगू पॉजिटिव पाया गया, जिनमें 99 पटना के हैं.
इनमें पांच को भर्ती किया गया. एनएमसीएच में 51 मरीजों की जांच की गयी, इनमें 15 में डेंगू की पुष्टि हुई. माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ हीरा लाल महतो ने बताया कि अब तक 1055 मरीजों की जांच हो चुकी है. इनमें 257 में डेंगू की पुष्टि हुई है.
इसी प्रकार से चिकुनगुनिया के 165 मरीजों की जांच की गयी है. इनमें 13 में बीमारी की पुष्टि हुई है. पारस हॉस्पिटल में 12 मरीजों में डेंगू पॉजिटिव मिले. इनमें पांच को भर्ती करना पड़ा. फतुहा शहर में छह मरीज डेंगू से पीड़ित मिले हैं, जिनका इलाज निजी नर्सिंग होम में चल रहा है.
कहां कितने मरीज मिले
- पीएमसीएच 108
- एनएमसीएच 15
- पारस अस्पताल 12
- कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल 22
- रूबन हॉस्पिटल 12
- सहयोग हॉस्पिटल 06
- उदयन हॉस्पिटल 08
- राजेश्वर हॉस्पिटल 13
- मगध हॉस्पिटल 10
- सोना डायग्नोस्टिक 26
- सीएनएस हॉस्पिटल 01
- फतुहा 06