राज्य के 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में तमाम कोशिशों के बाद भी खाली रह गयीं 3329 सीटें
अनुराग प्रधान, पटना : बिहार के 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों की लगभग दस हजार सीटों में तमाम कोशिशों के बाद भी इस बार 3329 सीटें खाली रह गयीं. सामान्य काउंसेलिंग के बाद सभी कॉलेजों में खाली सीटों की संख्या 4153 थी, जिन्हें मॉपअप के जरिये भरने की कवायद की गयी. परंतु महज 1600 छात्रों के आवेदन […]
अनुराग प्रधान, पटना : बिहार के 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों की लगभग दस हजार सीटों में तमाम कोशिशों के बाद भी इस बार 3329 सीटें खाली रह गयीं. सामान्य काउंसेलिंग के बाद सभी कॉलेजों में खाली सीटों की संख्या 4153 थी, जिन्हें मॉपअप के जरिये भरने की कवायद की गयी. परंतु महज 1600 छात्रों के आवेदन ही प्राप्त हुए.
इनमें भी अंतिम रूप से मात्र 824 का एडमिशन हो सका. इसके बाद अब भी 3329 सीटें खाली हैं. बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीइसीइबी) की जारी लिस्ट के अनुसार सामान्य कैटेगरी के 1019, एससी के लिए 713, एसटी के लिए 41, इबीसी कैटेगरी की 624, बीसी की 354, आरसीजी की 1115 तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 439 सीटें खाली हैं. इएमक्यू में 24 सीटें खाली हैं.
बीइ-बीटेक की 4153 सीटें रह गयी थीं खाली
राज्य के सभी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में सामान्य काउंसेलिंग के बाद बीइ-बीटेक की 4153 सीटें खाली रह गयी थीं. इन सीटों पर 12 से 16 अक्तूबर तक मॉपअप राउंड के तहत काउंसेलिंग प्रक्रिया हुई. इनमें सामान्य कैटेगरी के 1655, एससी के लिए 745, एसटी के लिए 40, इबीसी कैटेगरी की 692, बीसी की 402, आरसीजी की 130 तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 489 सीटें खाली थीं. मॉपअप राउंड के लिए केवल 1600 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था. इसके बाद भी एडमिशन में बहुत कम लोग शामिल हो पाये हैं.
एक्सपर्ट की मानें, तो नये इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने के कारण कई स्टूडेंट्स एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं. नये कॉलेजों में दो-दो स्थायी शिक्षकों की बहाली हुई है. इसके साथ तकनीकी छात्र संगठन के आनंद का कहना है कि अधिकांश पुराने कॉलेज में भी इलेक्ट्रिकल एवं कम्यूनिकेशन के शिक्षकों की घोर कमी है. एक दो शिक्षक से ब्रांच चल रही है. इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट में कई दूसरे विभाग के शिक्षक हेड की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
खाली सीटों की जानकारी भेजी गयी विभाग को
बची हुई सीटों पर मॉपअप राउंड आयोजित किया गया था. एडमिशन प्रक्रिया समाप्त हो गया. खाली सीटों की सभी जानकारी विभाग को भेज दी गयी है. मॉपअप राउंड में भी बहुत कम स्टूडेंट्स शामिल हो पाये. कई बार आवेदन भी मांगे गये, लेकिन आवेदन अधिक नहीं आ पाया.
अनिल कुमार सिन्हा, ओएसडी, बीसीइसीइबी