सीएम के पीआरओ भी डेंगू से पीड़ित
पटना : शहर में डेंगू का कहर तेजी से फैलता जा रहा है. इसकी चपेट में आम लोगों के साथ खास लोग भी आ रहे हैं. सूचना मिल रही है कि मुख्यमंत्री के पीआरओ (पब्लिक रिलेशनशिप ऑफिसर) बीके शुक्ला को डेंगू हो गया है. पिछले कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित पीआरओ की रिपोर्ट गुरुवार […]
पटना : शहर में डेंगू का कहर तेजी से फैलता जा रहा है. इसकी चपेट में आम लोगों के साथ खास लोग भी आ रहे हैं. सूचना मिल रही है कि मुख्यमंत्री के पीआरओ (पब्लिक रिलेशनशिप ऑफिसर) बीके शुक्ला को डेंगू हो गया है. पिछले कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित पीआरओ की रिपोर्ट गुरुवार को पॉजिटिव पायी गयी. इसके बाद से वह बेड रेस्ट पर चले गये हैं और डॉक्टरी परामर्श ले रहे हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री के आप्त सचिव दिनेश राय भी पिछले दो-तीन दिनों से वायरल बुखार की चपेट में हैं.
हालांकि उन्हें डेंगू होने की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है. मुख्यमंत्री के इन दोनों पदाधिकारियों को फिलहाल आराम करने के लिए कहा गया है. डेंगू पटना के सभी इलाकों तो फैल ही गया है, अब यह वीवीआइपी इलाकों तक भी पहुंच गया है. शहर के कई अधिकारी, पदाधिकारी, डॉक्टर समेत आम लोग तेजी से इसकी चपेट में आते जा रहे हैं. इसके मरीजों की संख्या दो हजार तक पहुंच गयी है.
शहर के दो विधायक पहले से ही डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. इसमें दीघा विधायक संजीव चौरसिया और बांकीपुर विधायक नितिन नवीन शामिल हैं. इन दोनों का इलाज पिछले तीन-चार दिनों से चल रहा है. इसके अलावा सूबे के पथ निर्माण मंत्री और पटना साहिब विधायक नंद किशोर यादव की भी तबीयत दो दिनों से खराब चल रही थी.
गुरुवार को उनकी तबीयत थोड़ा ज्यादा खराब होने की सूचना मिली है. वह इलाज कराने के लिए देर शाम नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं. उन्हें भी तेज बुखार की शिकायत है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्हें डेंगू है या वायरल बुखार है.
पटना में 49 हजार का इलाज
पटना. राजधानी में जलजमाव की स्थिति के बाद लोगों में महामारी की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक 402 स्थलों पर हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया. इन कैंपों के माध्यम से गुरुवार तक कुल 49683 मरीजों का इलाज किया गया. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राजधानी में डेंगू के कारण अभी तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है.
जल जमाव के बाद पटना शहर में कुल 22 प्रकार की आवश्यक दवाएं सभी स्वास्थ्य शिविरों में उपलब्ध हैं. साथ ही ओरआरएस के अलावा सांप और कुत्ता काटने से बचाव की दवाएं भी शामिल हैं. राजधानी में कुल 7338 घरों में टेमीफॉस का छिड़काव किया गया है. छिड़काव के लिए कुल 84 दलों को लगाया गया है. इसके अलावा डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए राज्य के नौ सरकारी मेडिकल कॉलेजों के ब्लडबैंकों में प्लेटलेट्स का पर्याप्त भंडारण है.