बिहारी स्वाभिमान को बुंलद करनेवाली है कीर्ति आजाद की फिल्म ”किरकेट-बिहार के अपमान से सम्मान तक”
पटना : ‘किरकेट-बिहार के अपमान से सम्मान तक’ बिहार के स्वाभिमान को बुलंद करनेवाली फिल्म है. फिल्म के जरिये खेलों के प्रति जागृति लाने की कोशिश की गयी है. यह सराहनीय है. अन्य खेलों में भी जागृति के लिए ऐसी पहल होनी चाहिए. क्रिकेट की बिहार में जो स्थिति है, फिल्म को देखकर लोग प्रभावित […]
पटना : ‘किरकेट-बिहार के अपमान से सम्मान तक’ बिहार के स्वाभिमान को बुलंद करनेवाली फिल्म है. फिल्म के जरिये खेलों के प्रति जागृति लाने की कोशिश की गयी है. यह सराहनीय है. अन्य खेलों में भी जागृति के लिए ऐसी पहल होनी चाहिए. क्रिकेट की बिहार में जो स्थिति है, फिल्म को देखकर लोग प्रभावित होंगे. फिल्म में बिहार का इमोशन, जो कहीं न कहीं दब गया था, देखने को मिलेगा. खिलाड़ी और नेता होते हुए भी कीर्ति आजाद ने कमाल का अभिनय किया है. उन्होंने फिल्म में जो सेंटीमेंट पैदा की है, वह अनायास ही ताली बजाने को मजबूर कर देता है. हर बिहारी को यह फिल्म देखनी चाहिए. फिल्म आज से सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी. उक्त बातें 1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य व फिल्म ‘किरकेट-बिहार के अपमान से सम्मान तक’ के अभिनेता कीर्ति आजाद ने कहीं. फिल्म का प्रीमियर गुरुवार को राजधानी पटना में सिने पोलिस में किया गया, जहां खुद कीर्ति आजाद पूरी टीम और पत्रकारों से साथ फिल्म देखी. फिल्म में कीर्ति आजाद के संघर्ष के साथ-साथ बिहार की झलक भी दिखती है.
इसके अलावा बिहार के लोगों को आपस में बांटनेवाली राजनीति, जात-पात और भेदभाव पर भी फिल्म ‘किरकेट-बिहार के अपमान से सम्मान तक’ चोट करती है. यह फिल्म भावनात्मक रूप से भी दर्शकों को अपने साथ जोड़ने में सफल रही है. म्यूजिक कहानी के हिसाब से फिल्म में सुनने को मिले हैं. फिल्म की कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे फिल्म का इंटरटेंमेंट लेवल बढ़ता है. फिल्म के डायरेक्टर योंगेंद्र सिंह ने एक गंभीर फिल्म को पूरी सहजता के साथ पर्दे पर उतारा है. फिल्म को ड्रामेटिक अंदाज में प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बिहार को फिल्म से बाहर नहीं निकलने दिया है, जो अमूमन बॉलीवुड की दूसरी फिल्मों में देखने को मिलता है. फिल्म के संवाद दमदार हैं. कीर्ति आजाद के साथ फिल्म का हर एक किरदार अपनी भूमिका के साथ न्याय करता नजर आता है.
येन मूवीज द्वारा ए स्क्वायर प्रोडक्शंस, धर्मराज फिल्म्स और जेकेएम फिल्म्स के सहयोग से बनायी गयी इस फिल्म के निर्माता आरके जलान, सोनू झा और विशाल तिवारी हैं. इस फिल्म में मूलरूप से बिहार क्रिकेट संघ के बंटवारे और उसी रणजी टीम की मान्यता रद्द करने की कहानी को दिखाया गया है. फिल्म की कहानी विशाल विजय कुमार ने लिखी है. कीर्ति आजाद के अलावा फिल्म में विशाल तिवारी, सोनम छाबड़ा, सोनू झा, देव सिंह, सैफल्ला रहमानी, अजय उपाध्याय, रोहित सिंह मटरू जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं.