पटना : राजधानी पटना में जलजमाव को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने सरकार से कार्रवाई का ब्योरा 25 अक्तूबर तक दाखिल करने को कहा है. साथ ही त्योहारी मौसम में युद्धस्तर पर शहर की सफाई करने और डेंगू की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
जानकारी के मुताबिक, राजधानी पटना में जलजमाव को लेकर पटना हाईकोर्ट के जस्टिस एस पांडेय की खंडपीठ ने राज्य सरकार और पटना नगर निगम से अब तक की गयी कार्रवाई का ब्योरा 25 अक्तूबर तक दाखिल करने को कहा है. साथ ही त्योहारी मौसम में युद्धस्तर पर शहर की सफाई करने और डेंगू की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. साथ ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही गयी है. पटना हाईकोर्ट ने पूछा है कि शहर में किन-किन इलाकों में जलजमाव हुआ है. प्रभावित इलाकों से पानी की निकासी कब तक कर ली जायेगी.
जलजमाव को लेकर अधिवक्ता ने भी दायर किया है परिवाद
बिहार में हुई बारिश के बाद पटना में जलजमाव से उत्पन्न हुए नारकीय स्थिति और आम जनता को हुई परेशानी के साथ-साथ हुई मौतों को लेकर पटना के सीजेएम की अदालत में एक परिवाद पत्र पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता रामसंदेश राय ने गुरुवार को दायर किया. परिवाद पत्र में अधिवक्ता राय ने भीषण त्रासदी के लिए मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, नगर निगम की मेयर, नगर निगम के आयुक्त, बुडको के एमडी, पटना प्रमंडल के पूर्व आयुक्त, पटना के डीएम समेत कई आला अधिकारियों को अभियुक्त बनाया है. परिवादी राय ने इन अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा चलाने का अनुरोध कोर्ट से किया है. परिवाद पत्र में कहा गया है कि पटना की नारकीय स्थिति बनाने और उस स्थिति में लोगों की मौत की सारी जिम्मेवारी इन सभी लोगों पर है. इन लोगों के कारण ही पटना हाईकोर्ट, पटना सिविल कोर्ट समेत कई अधिवक्ताओं और कई नागरिकों की मौत बाढ़ की चपेट में आने और डेंगू के काटने से हो गयी. साथ ही कहा है कि आज भी पटना के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति यथावत है. जलजमाव के कारण डेंगू का प्रभाव पटना शहर में बढ़ गया है. लेकिन, इन अधिकारियों और मंत्रियों द्वारा उचित कार्रवाई नहीं करना प्रमाणित करता है कि इन लोगों ने साजिश के तहत पटना के लोगों को इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है. मामले के लिए सीधे तौर पर ये सभी लोग दोषी हैं.