पटना : बैंक हड़ताल से 10 हजार करोड़ का लेन-देन बाधित
मंगलवार को दोपहर के बाद एटीएम सेवा भी हुई बाधित, कैश की हुई किल्लत पटना : ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन तथा बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त आह्वान पर मंगलवार को सूबे के 3042 शाखाओं में ताले लटके रहे. हड़ताल में 30 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल हुए. हड़ताल के कारण सार्वजनिक बैंकों […]
मंगलवार को दोपहर के बाद एटीएम सेवा भी हुई बाधित, कैश की हुई किल्लत
पटना : ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन तथा बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त आह्वान पर मंगलवार को सूबे के 3042 शाखाओं में ताले लटके रहे. हड़ताल में 30 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल हुए.
हड़ताल के कारण सार्वजनिक बैंकों के कारोबार पर व्यापक असर पड़ा और 10 हजार करोड़ से ज्यादा का लेन देन प्रभावित हुआ. स्टेट बैंक के कर्मचारी हड़ताल से दूर रहे और बैंक के शाखाओं में सामान्य दिनों की तरह कामकाज हुआ.
कई एटीएम हुईं खाली : त्योहार के मौके पर बैंक हड़ताल से ग्राहकों के ज्यादा नकद निकासी से दोपहर के बाइ कई एटीएम खाली हो गये. इसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. हड़ताल को लेकर बैंक के मुख्यालय के समक्ष बैंक कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाये.
मुख्य मांगें : बैंकों के विलय पर प्रतिबंध, जन विरोधी तथाकथित बैंकिंग सुधार की वापसी, सर्विस चार्ज में कटौती, जमा राशि पर पर्याप्त ब्याज तथा बेहतर ग्राहक सेवा के लिए सभी बैंकों में अपेक्षित नयी बहाली, बैंकों में वेतन समझौता अविलंब कराना आदि.
इनका मिला समर्थन : आॅल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन एवं आॅल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन ने भी हड़ताल का समर्थन किया था. इसके कारण अधिकारियों ने लिपिकीय कार्य करने से मना कर दिया, जिससे पूरा बैंकिंग कार्य ठप हो गया.
ये श्रमिक संगठन रहे शामिल : इंटक, एटक, सीटू, एक्टू और एचएमएस के साथ देश के आठ शीर्ष संगठनों ने संयुक्त रूप से 22 अक्तूबर के बैंक हड़ताल का समर्थन किया. पिछले महीने बैंक अधिकारियों की यूनियनों ने 26-27 सितंबर को हड़ताल की घोषणा की थी. लेकिन बाद टल गयी थी.