पटना : बिहार म्यूजियम मामले की बुधवार से जांच शुरू हुई. सुबह 10 बजे अपर सचिव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम बिहार म्यूजियम पहुंची और रात आठ बजे तक वहां रही. इस दौरान कई संचिकाओं को टीम ने देखा और संबंधित लोगों से पूछताछ की.
जांच टीम में कला संस्कृति विभाग के अपर सचिव दीपक आनंद के साथ क्षेत्रीय उपनिदेशक, संग्रहालय निदेशालय अरविंद महाजन और सहायक या़ंत्रिक वित्तीय सलाहकार, कला संस्कृति ओम प्रकाश शामिल थे. पहले दिन जांच का दायरा मुख्यत: टिकट बिक्री से संबंधित घोटाले के आसपास टिका रहा.
हालांकि आगे जरूरत के अनुसार मामले से संबंधित ऐसे सभी पहलू जांच में शामिल होंंगे, जो समिति के संज्ञान में लाये जायेंगे. टिकट चेकिंग मशीनों का इस्तेमाल नहीं होना, निदेशक के द्वारा पिछले दिनों की गयी छह अस्थायी नियुक्तियां आदि भी इनमें शामिल होंगे. बिहार संग्रहालय की व्यवस्था को कैसे और सुधारा जाये, इस पर भी जांच समिति सुझाव देगी.
जांच समिति 15 नवंबर तक सौंपेगी अपनी रिपोर्ट : पहले दिन जांच के बाद अपर सचिव ने बताया कि मामले की जांच में 15 नवंबर तक का समय लगने की संभावना है.
जांच समिति के गठन के समय 15 दिनों में जांच को पूरा कर लेने को कहा गया था. लेकिन बीच में दीपावली और छठ समेत कई अवकाशों के आने के कारण 15 कार्य दिवस पूरा होते होते उतना समय लग ही जायेगा. जांच समिति अपना रिपोर्ट शासी निकाय के अध्यक्ष विकास आयुक्त को सौंपेगी, जिस पर आगे की कार्रवाई उनके स्तर से की जायेगी.
अपर सचिव ने संभाला अस्थायी प्रभार : अपर सचिव दीपक आनंद ने बुधवार को बिहार म्यूजियम के निदेशक का प्रभार भी संभाल लिया. बिहार म्यूजियम के निदेशक मो. युसूफ के छुट्टी से वापस आने तक अपर सचिव इस पद पर रहेंगे. इससे वहां के कर्मियों के वेतन भुगतान आदि में सुविधा होगी.