पटना :गंभीर मरीजों से भी पैसे निचोड़ लेते हैं अस्पताल

पटना : दवा से करोड़ों की कमाई करनेवाले राज्य के बड़े व कॉरपोरेट अस्पतालों का दिल गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर भी नहीं पसीजता है. जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे ऐसे मरीजों से दवाओं की मनमानी कीमत वसूली जाती है. जो दवा डिस्ट्रीब्यूटर के पास 765 से 810 रुपये में मिलती है. उसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2019 9:08 AM
पटना : दवा से करोड़ों की कमाई करनेवाले राज्य के बड़े व कॉरपोरेट अस्पतालों का दिल गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर भी नहीं पसीजता है. जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे ऐसे मरीजों से दवाओं की मनमानी कीमत वसूली जाती है. जो दवा डिस्ट्रीब्यूटर के पास 765 से 810 रुपये में मिलती है.
उसी दवा के लिए अस्पताल मरीज से 2,990 रुपये वसूल लेते हैं. कॉरपोरेट अस्पतालों को दवा मुहैया करानेवाले एक डिस्ट्रीब्यूटर ने बताया कि बड़े अस्पताल सीधे कंपनी से दवा की कीमत तय कर लेते हैं. इसके बाद हम उनको उसी दर पर दवा मुहैया कराते हैं. इसमें हमलोगों को 10 से 15 फीसदी का मार्जिन मिल जाता है. अनुमानत: हर माह करीब एक करोड़ की दवा इन अस्पतालों को उपलब्ध करायी जाती है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन दवा से 70 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं.
अस्पताल की कमाई का यह है गणित
दवा डिस्ट्रीब्यूटर को अस्पताल को एमआरपी
– एंटीबायोटिक जॉड्रनिक एसिड 765-810 1150 2990
– एंटीबायोटिक फिलग्रास्टीन 637-675 750 1442.50
– एंटीबायोटिक ऑग्जालिफ्लाटीन 1403-1485 1650 4697
– इमाटीनिब 680-720 800 2027
– जिमसिटाबिन 1530-1620 1800 5814
सेहत पर भारी गोरखधंधा-6
खगड़िया के मानसी से दीनानाथ चंद्रवंशी ने अपने भांजे को पटना के बोरिंग कैनाल रोड स्थित एक बड़े अस्पताल में इलाज के लिए एक दिन पहले ही भर्ती कराया था. बच्चा वेंटिलेशन पर था. सोमवार तक जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने अस्पताल में ही चर्चा के दौरान कहा कि बच्चे को महावीर वात्सल्य अस्पताल में भर्ती कराना है. दीनानाथ का कहना है कि इसके बाद डॉक्टरों ने वेंटिलेशन निकाल दिया. इसके कारण उसकी मौत हो गयी. उससे 30 हजार रुपया भी वसूल किया गया.
कंकड़बाग स्थित एक मेमोरियल अस्पताल में डेंगू बुखार से भर्ती स्थानीय बुजुर्ग मालती देवी का पांच दिनों से इलाज चल रहा था. अस्पताल के मुताबिक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. अचानक सोमवार को यह सूचना दी गयी कि इन्हें पीएमसीएच ले जाइए. इसके पहले करीब एक लाख रुपये वसूले गये. मालती देवी के परिजनों का कहना था कि उनके मरीज का प्लेटलेट्स जब काफी घट गया, तो रेफर कर ले जाने के लिए कहा गया.

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