पंचायतों को मिलेगी सिंचाई कर वसूलने की जिम्मेदारी

पटना : राज्य की करीब 8386 पंचायतों को आहर-पइनों से सिंचाई कर वसूलने सहित उनकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जायेगी. इस संबंध में लघु जल संसाधन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इस पर राज्य कैबिनेट की मुहर लगते ही इसे लागू कर दिया जायेगा. इसका मकसद जल-जीवन-हरियाली अभियान को आगे बढ़ाना और राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2019 6:41 AM

पटना : राज्य की करीब 8386 पंचायतों को आहर-पइनों से सिंचाई कर वसूलने सहित उनकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जायेगी. इस संबंध में लघु जल संसाधन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इस पर राज्य कैबिनेट की मुहर लगते ही इसे लागू कर दिया जायेगा. इसका मकसद जल-जीवन-हरियाली अभियान को आगे बढ़ाना और राज्य में ग्राउंड वाटर लेवल को बेहतर करने में योगदान देना है. सूत्रों का कहना है कि राज्य में करीब चार हजार आहर और पइन थे.

इनमें से करीब आठ सौ ही चालू हालत में हैं. वहीं, 31 जनवरी, 2020 तक करीब 1400 आहर-पइनों की मरम्मत का काम 26 अक्तूबर से शुरू हो चुका है. इनसे रबी फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिलने लगेगा. अन्य करीब 1800 आहर-पइन की मरम्मत 2020-21 व 2021-22 में होगी. ,
पंचायतों की बढ़ेगी आमदनी
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पंचायतों को आहर और पइनों से सिंचाई कर वसूलने का अधिकार मिलने पर उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी. इस पैसे से स्थानीय स्तर पर सिंचाई सुविधाएं विकसित करने, किसानों को सही मात्रा में पानी देने, आहर-पइनों को बेहतर स्थिति में रखने का काम अच्छी तरह से हो सकेगा.
साथ ही स्थानीय तालाबों की देखरेख करने में पंचायतों को मदद मिल सकेगी. राज्य सरकार जल संरक्षण और भूजल स्तर को बेहतर स्थिति में लाने के लिए पंचायतों में पुराने तालाब और कुओं की मरम्मत करवा रही है.
तीन साल में लघु सिंचाई योजनाओं पर खर्च होंगे 14 हजार करोड़
जल-जीवन-हरियाली अभियान का कुल बजट करीब 24 हजार 524 करोड़ रुपये है. इसमें से लघु सिंचाई योजनाओं के विकास पर तीन साल में करीब 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं, केवल 2019-20 में तीन हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
इस संबंध में सरकार ने मंजूरी दे दी है. साथ ही लघु जल संसाधन विभाग ने 2019-20 में 38 जिलों में 1411 योजनाओं पर काम करने के लिए टेंडर के माध्यम से एजेंसी का चयन किया है. इस पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. दिसंबर, 2019 और फरवरी, 2020 में एक-एक हजार करोड़ रुपये के टेंडर निकाले जायेंगे. इसके लिए योजनाओं की तैयारी की जा रही है.

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