पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सहकारिता व खाद्य, उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आला अधिकारियों के साथ 15 नवंबर से प्रारंभ होने वाले धान अधिप्राप्ति की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि 18-18 लाख रुपये की लागत से राज्य के 61 क्रय केंद्रों पर ड्रायर मशीन लगायीगयी है. मानक से अधिक नमी की स्थिति में भी धान को सूखा कर किसानों से खरीद की जायेगी. पहले जहां चावल प्राप्ति के बाद पैक्सों को भुगतान करने में महीनों लग जाता था. वहीं, इस साल एसएफसी को तीन दिन के अंदर व धान खरीद के 48 घंटों में किसानों को भुगतान करने और 30 नवंबर के पहले धान की कुटाई के लिए चावल मिलों को पैक्सों से संबद्ध करने का निर्देश दिया गया. बैठक में सहकारिता मंत्री राणा रणधीर भी मौजूद थे.
2019-20 के खरीफ मौसम में किसानों को पिछली बार से 65 रुपये अधिक की दर से प्रति क्विंटल 1,815 रुपये भुगतान किया जायेगा. इस साल 15 नवंबर से प्रारंभ होने वाले धान खरीद का लक्ष्य 30 लाख मे. टन है. चावल रखने के लिए 30 हजार गन्नी बेल्स (बोरा) की खरीद का आदेश दिया गया है. मालूम हो कि पिछले साल 14.44 लाख मे. टन धान की खरीद की गयी थी.
उन्होंने कहा कि 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू होने पर अगर मानक 17 प्रतिशत से ज्यादा नमी रहती है तो किसानों को राहत देने के लिए ज्यादा नमीयुक्त धान की खरीद की अनुमति के लिए भारत सरकार से आग्रह किया जायेगा. चावल अधिप्राप्ति मद में भारत सरकार के पास बकाए 2,637 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए राज्य खाद्य निगम को अविलंब आवश्यक कागजात जमा करने का निर्देश गया. उपमुख्यमंत्री ने केवल नये निबंधित चावल मिलों का ही भौतिक सत्यापन करने व क्रय केंद्रों पर दिसंबर तक और 39 ड्रायर मशीन लगाने तथा 5,500 पैक्सों व 500 से अधिक व्यापार मंडलों के जरिये धान की खरीद समय से शुरू करने का निर्देश दिया.