पटना : बिहार विधानसभा आम चुनाव 2020 को देखते हुए कांग्रेस से बगावत करने वालों को पार्टी राहत दे सकती है. अभी तक पार्टी ने किसी को पार्टी से निष्कासित तो नहीं किया है. कुछ बड़े नेताओं को निलंबित जरूर किया है.
हालांकि, ये नेता अभी भी पार्टी के साथ ही काम कर रहे हैं. वह अपने को पार्टी से बाहर नहीं मान रहे हैं. अब चुनावी वर्ष में पार्टी सभी को साथ जोड़कर संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा खुद पार्टी नेताओं में कटुता को पाटने में खुद पहल करते हैं. विधानसभा आम चुनाव 2015 में कई विधानसभा क्षेत्रों से महागठबंधन प्रत्याशियों के खिलाफ काम करनेवाले नेताओं की शिकायत अनुशासन समिति के अध्यक्ष जगन्नाथ राय को मिली थी.
उस समय अनुशासन समिति की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गयी. इधर, लोकसभा आम चुनाव 2019 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव डाॅ शकील अहमद और विधायक भावना झा को लेकर पार्टी को शिकायत मिली और उनको पार्टी से निलंबित भी कर दिया गया. इस घटनाक्रम में डाॅ शकील अहमद और विधायक भावना झा के निलंबन वापसी के लिए बिहार विधानमंडल दल के नेताओं ने आलाकमान को संयुक्त पत्र भी भेजा था.
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के कुछ समय बाद डाॅ शकील अहमद खुद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले थे. इससे उनके और पार्टी के बीच आयी कटुता समाप्त हो गयी थी. यह माना जा रहा है कि अब पार्टी सभी शिकायतों को दरकिनार कर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है.