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मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निर्माण से इलाज के लिए इलाके के लोगों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर : नीतीश कुमार

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के नरघोघी गांव में श्रीराम जानकी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास सह कार्यारंभ शिलापट्ट का अनावरण कर किया. समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 591.77 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होनेवाले इस अस्पताल में 113 करोड़ रुपये […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के नरघोघी गांव में श्रीराम जानकी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास सह कार्यारंभ शिलापट्ट का अनावरण कर किया. समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 591.77 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होनेवाले इस अस्पताल में 113 करोड़ रुपये की केंद्र की राशि और 478 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार की खर्च होगी. श्रीराम जानकी ट्रस्ट द्वारा 22 एकड़ जमीन नि:शुल्क राज्य सरकार दी गयी है. इसीलिए इस अस्पताल का नाम श्रीराम जानकी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल रखा गया है. उन्होंने कहा कि समस्तीपुर जिले के सरायरंजन के पास इस अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा है. इस पर लोगों कुछ लोगों का विवादित बयान चिंताजनक है. इस बात का कोई मतलब नहीं है कि समस्तीपुर मुख्यालय में ही अस्पताल का निर्माण हो. भारत का मतलब नयी दिल्ली नहीं है और बिहार का मतलब पटना नहीं है. यह बात लोगों को समझनी चाहिए.

सरायरंजन के पास बननेवाले इस अस्पताल के निर्माण से आसपास के क्षेत्र का भी विकास होगा. यहां आवागमन के लिए सड़कों को और बेहतर बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल से इस अस्पताल की स्वीकृति बहुत पहले मिली थी. इस पर आज सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है और जिस दल के विधायक इस पर प्रश्न उठा रहे हैं, वे क्यों नहीं बता रहे हैं कि पति-पत्नी के शासनकाल में और कांग्रेस के शासनकाल में अस्पताल का निर्माण क्यों नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि यह 500 बेडों का अस्पताल होगा, जिसमें प्रतिवर्ष 100 विद्यार्थियों का नामांकन भी होगा. आसपास धर्मशाले का निर्माण कराया जायेगा, ताकि इलाज के लिए यहां आनेवाले मरीजों के परिजनों को रहने में सहुलियत हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय के अंतर्गत तीन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराया जा रहा है और केंद्र सरकार के सहयोग से पांच मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से हमलोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं. पहले तीन नये मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराया औरर बाद में तीन और नये मेडिकल कॉलेजों का निर्माण करा रहे हैं. इसमें पूर्णिया, सारण और समस्तीपुर का मेडिकल कॉलेज शामिल है. उन्होंने कहा कि हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, पारा मेडिकल संस्थान, जीएनएम संस्थान, महिला आईटीआई आैर प्रत्येक सब डिवीजन में एएनएम और आईटीआई का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 23 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से 23 जगहो पर जीएनएम संस्थान, 6 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से 54 एएनएम संस्थान, 36 करोड़ 36 लाख रुपये की लागत से 16 नर्सिंग संस्थान, 9 करोड़ 98 लाख रुपये की लागत से 33 पारा मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया गया है. राज्य सरकार द्वारा 2,816 करोड़ रुपये इस पर खर्च किये जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हम लोगों की सेवा करने के लिए ही काम कर रहे हैं. न्याय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं. न्याय के साथ विकास का मतलब है, हर इलाके का विकास और हर तबके का विकास. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, महिला एवं अल्पसंख्यकों के लिए कई काम किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के किसी कोने से राजधानी 6 घंटे में पहुंचने के लक्ष्य को पहले ही प्राप्त किया जा चुका है. राज्य में आवागमन को बेहतर बनाने के लिए कई सड़कों, पुल/पुलियों का निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी कई काम किये गये हैं.

उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के उपायों का हमलोगों ने अध्ययन कराया. जब हमलोगों ने काम संभाला था, तो उससमय जनसंख्या वृद्धि दर 4.2 था और अब यह 3.3 के करीब है. उन्होंने कहा कि अध्ययन से जानकारी मिली कि अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश और अपने राज्य का जनसंख्या वृद्धि दर दो था. पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देश का जनसंख्या वृद्धि दर 1.7 और अपने राज्य का जनसंख्या वृद्धि दर 1.6 है. हमलोगों ने निर्णय लिया कि प्रजनन दर को नियंत्रित करने के लिए हर लड़की को मैट्रिक और इंटर पास करायेंगे. राज्य की सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के निर्माण का निर्णय लिया गया है. इनमें 6 हजार पंचायतों में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और अप्रैल 2020 से सभी पंचायतों में 9वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू हो जायेगी. इसके लिए जरूरी शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी और जरूरी संसाधन भी उपलब्ध कराए जायेंगे. उन्होंने कहा क हमलोग देश और राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण में भारी बदलाव हो रहा है. जलवायु परिवर्तन हो रहा है, इससे कई परेशानी दिखने लगी हैं. उन्होंने कहा कि वर्षा समय से नहीं होती है. कभी पहले तो कभी बाद में, कभी अतिवृष्टि तो कभी सूखे की स्थिति बन जाती है. पिछले वर्ष राज्य के 534 प्रखंडों में से 280 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित किये गये. इस वर्ष शुरू में फ्लैश फ्लड फिर सूखे और बाद में फिर भारी वर्षा की स्थिति बनी, जिससे कई शहर भी प्रभावित हुए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमलोग सचेत हैं. इस वर्ष 13 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में सभी दलों के विधायक एवं विधान पार्षदों की बैठक में जलवायु में परिवर्तन विषय पर विचार मंथन किया गया और इस पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमलोग जल-जीवन-हरियाली अभियान चलायेगे. जल-जीवन-हरियाली अभियान की औपचारिक शुरुआत दो अक्टूबर को की गयी और इसका कार्यारंभ भी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जल और हरियाली के बीच में जीवन है. चाहे मनुष्य हो, पशु हो या जीव-जंतु हो. उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 11 अवयय शामिल शामिल किये गये हैं. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए आहर, पईन, पोखर, तालाब एवं सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चापाकल एवं नलकूप के पास सोख्ता का निर्माण कराया जा रहा है, ताकि जल संरक्षण हो सके. उन्होंने कहा कि छोटी नदियों एवं पहाड़ी क्षेत्रें में जल संग्रहण के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गया में गंगा के पानी को शुद्ध कर लोगों को उपलब्ध कराया जायेगा. राज्य में भू-जल स्तर में गिरावट आयी है. हम सबको मिलकर जल संग्रहण के लिए काम करना है. सरकारी भवनों की छत पर वर्षा के जल के संचयन हेतु काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत था. हरित आवरण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 19 करोड़ पौधे लगाये गये और अब राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत हो गया है. इस वर्ष एक करोड पौधे लगाये गये हैं औरर अगले वर्ष 8 करोड़ पौधे लगाये जायेंगे. सड़कों के किनारे पौधे लगाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब निर्माण कार्य के दौरान वृक्षों की कटाई की जगह पर उसका पुन: रोपन कराया जा रहा है. उनहेंने लोगों से अपील की कि वृक्षों की कटाई ना करें. उन्होंने कहा कि समस्तीपुर क्षेत्र के किसान बेहतर कार्य कर रहे हैं। पर्यावरण में बदलाव के चलते किसानों काे माैसम के अनुकूल कृषि कार्य करना चाहिए. कृषि के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं. मौसम के अनुकूल फसल चक्र को अपनाये जाने की जरूरुरत है. इसके लिए सतत् अभियान चलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है. देश के कई हिस्सों में पराली (पुआल) जलाने की शिकायत मिल रही है. अपने राज्य में भी इसकी शिकायत मिल रही है. हावर्वेस्टर से कटायी करनेवाले लोगों की बातों से किसान दिगभ्रमित ना हो कि फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, जबकि सच्चाई यह है कि फसल अवशेष के जलाने से न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता घटती है बल्कि पर्यावरण संकट भी पैदा होता है. उन्होंने कहा कि पराली जलाने की प्रक्रिया को रोकना है. इसके लिए विशेषज्ञों का हाल ही में पटना में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था, जिसमें विमर्श से कई बातें सामने आयी थी. उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत इसे भी शांमिल किया गया है. उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष की ठीक ढंग से कटाई के लिए कृषि यंत्रें पर 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.

एससी/एसटी/अति पिछड़ा वर्ग को इसके लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. लोगों को जन जागृति के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको यह समझना होगा कि पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है. विकास के कार्यों के साथ-साथ यह भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि श्रीराम जानकी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का निर्माण तीन वर्षों में पूर्ण हो जायेगा. इससे यहां के लोगों को इलाज के लिए मजबूरी में बाहर नहीं जाना पड़ेगा. अपनी इच्छा से लोग इलाज के लिए बाहर जा सकते हैं.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत पौधा, अंगवस्त्र प्रतीक चिह्न एवं पुस्तक भेंटकर किया गया. मुख्यमंत्री ने श्रीराम जानकी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के मास्टर प्लान का भी अवलोकन किया. कार्यक्रम के दौरान श्रीराम जानकी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के निर्माण से संबंधित एक लघु फिल्म भी दिखायी गयीं. कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, गन्ना मंत्री सह समस्तीपुर जिला की प्रभारी मंत्री बीमा भारती, सांसद रामनाथ ठाकुर, सांसद प्रिंस राज एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर विधायक अशोक कुमार सिंह, विधायक विद्यासागर निषाद, विधायक रामबालक सिंह, विधायक राजकुमार राय, विधान पार्षद हरि नारायण चौधरी, विधान पार्षद राणा गंगेश्वर सिंह सहित अन्य जन प्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबरे, पुलिस महानिरीक्षक पंकज दराद, बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, पुलिस अधीक्षक विकास वर्मन सहित अन्य अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे.

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