पटना : राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि सरकार के सभी दावों और घोषणाओं के बावजूद मरीजों का बुरा हाल है. उनकी घोषणाओं से लगता है कि कल ही सरकार बनी है. रघुवंश प्रसाद ने बिहार में एम्स, विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी, पंचायतों के हिसाब-किताब में गड़बड़ी, रेलवे का निजीकरण, विधि-व्यवस्था, बेरोजगारी जैसे कई मसलों पर खुल कर बोले. साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
रघुवंश प्रसाद बोले-
तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री स्व अरुण जेटली ने अपने प्रथम बजट में बिहार में एक और एम्स अस्पताल की घोषणा की थी. पांच साल से अधिक बीत गये, अभी तक अस्पताल की शुरुआत नहीं हुई. इतने विलंब का कसूरवार कौन है? भारी बीमारी से पीड़ित मरीजों को बेड नहीं है. निजी अस्पतालों में शोषित होना पड़ता है. दिल्ली-लखनऊ दौड़ना पड़ता है या दम तोड़ना पड़ता है. मुजफ्फरपुर मेडिकल अस्पताल को एम्स का दर्जा या वहां भारी बीमारी का इलाज कब शुरू होगा? चमकी बुखार, काला जार, डेंगू, कैंसर, ट्यूमर, हृदय, कीडनी, लीवर आदि रोगों से लोग मर रहे हैं. इलाज के अभाव में लोग भटक रहे हैं.
विश्वविद्यालयों में 8000 शिक्षकों की कमी के कारण कॉलेजों में पढ़ाई ठप है. 15 साल बीत गये, सुधरने में कितना समय लगेगा?पंचायतों से 18000 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मालूम है. अब पता लगाया जा रहा है. बिना हिसाब-किताब का राज चल रहा है. घूस के कारण 30 लाख से अधिक शौचालय का भुगतान और साढ़े नौ लाख से अधिक का दाखिल-खारिज लंबित है.
रेलवे के निजीकरण के खिलाफ रेलकर्मी आंदोलन की शुरुआत कर चुके हैं. आठ हवाई अड्डा का निजीकरण हो गया. लालकिला को भी पोसिया लगा दिया गया. बीएसएनएल से लाख कर्मचारियों को वीआरएस आदि देकर हटाया जा रहा है. छंटनी के बाद इसे बेचा जायेगा. एयर इंडिया का गहकी (ग्राहक) खोजा जा रहा है. इन्फोसिस आदि मशहूर कंपनियां छंटनी कर रही हैं. गैस की कीमत बढ़ गयी. प्याज फिर 70-80 रुपये प्रति किलो से ज्यादा दाम का हो गया. तमाम सब्जियों की कीमत में आग लग गयी है. बेरोजगारी की दर आठ फीसदी हो गयी है. बेरोजगारी से नौजवान तबाह हैं.
विधि व्यवस्था का सबसे ज्यादा बुरा हाल है. बैंक से लाने और बैंक में जाने के समय सीएससी आदि लूटे जा रहे हैं. अपराधियों का बोलबाला हो गया है. लूट, हत्या, बलात्कार आदि अपराध का पानी नाक के उपर चल रहा है. सरकार बेखबर मदहोश और बदहोश है.
हाउदी मोदी करने के बाद हीं अमेरिका में मेधावी छात्रों को पढ़ने और नौकरी के लिए जाने में भारी कमी की जा रही है. मोदी जी के विज्ञापन पर 46 सौ करोड़ और विदेश यात्रा पर दो हजार करोड़ का खर्च है. साथ में केंद्र सरकार की ओर से बदले की भावना से अपने विरोधियों को फंसाने से बाज नहीं आ रही है. देश के अनेक विरोधी नेताओं के त्याग पत्र देने वाले आईएएस को भी फंसाने से केंद्र सरकार बाज नहीं आ रहा है. जम्मू-कश्मीर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए कन्नन गोपी नाथन आईएएस ने त्याग पत्र दिया. त्यागपत्र के दो माह बाद उसे परेशान करने के लिए कार्रवाईयां की जा रही है. अमित शाह से वकील और पुलिस का झगड़ा फरिया (फैसला) नहीं रहा है. पुलिस सुरक्षा और वकील न्याय मांग रहे हैं. इतिहास बदलने की कोशिश हो रही है. देश के हुक्मरान तानाशाही की ओर जा रहे हैं. अतः सिवाय लड़ाई के दूसरा रास्ता है ही नहीं. पार्टी की सदस्यता अभियान जोरों पर है. संगठन बनते हीं निर्णायक संघर्ष को आंदोलन का रूप दिया जायेगा. तैयारी शुरू हो गयी है.
संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ तनवीर हसन, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेष अध्यक्ष पीके चौधरी, नंदू यादव, देवमुनी सिंह यादव, भाई अरुण कुमार एवं चन्देष्वर प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे.