अब कुर्सीनामा पर भी जमीन की रजिस्ट्री, हाई कोर्ट की रोक के बाद अब शंसोधन की तैयारी

पटना : राज्य सरकार ने जमीन विवाद को कम करने के लिए एक अहम पहल की थी. इसके तहत कुछ दिनों पहले यह आदेश जारी किया गया था कि जिनके नाम पर जमीन का दाखिल-खारिज है, सिर्फ वहीं संबंधित जमीन की रजिस्ट्री (बेच) किसी दूसरे को कर सकते हैं. इस आदेश पर हाइकोर्ट ने अंतरिम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2019 6:12 AM

पटना : राज्य सरकार ने जमीन विवाद को कम करने के लिए एक अहम पहल की थी. इसके तहत कुछ दिनों पहले यह आदेश जारी किया गया था कि जिनके नाम पर जमीन का दाखिल-खारिज है, सिर्फ वहीं संबंधित जमीन की रजिस्ट्री (बेच) किसी दूसरे को कर सकते हैं. इस आदेश पर हाइकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी. इसके मद्देनजर राज्य सरकार अब इसमें अहम संशोधन करने की तैयारी में है. इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करके इसे जल्द पारित कराने की तैयारी चल रही है.

यह प्रावधान होने जा रहा है कि जिनके नाम पर दाखिल-खारिज नहीं है, लेकिन अगर वे अपने खानदान का कुर्सीनामा बनाकर यह साबित कर देते हैं कि इस जमीन में उनकी भी हिस्सेदारी बनती है, तो वे भी जमीन बेच सकते हैं. अपने खानदान के इस कुर्सीनामा के आधार पर उन्हें ऐफिडेविट करवाना होगा और इसे जमीन के कागजात के साथ लगाकर जमा करना होगा.
तमाम पहलुओं पर इसकी जांच करने के बाद इसके आधार पर रजिस्ट्री हो सकेगी. कुर्सीनामा की समुचित जांच करने के बाद ही इसे सही माना जायेगा. परिवार के मुखिया के नाम से जमीन होने पर अगर किसी दूसरे सदस्य को अपने हिस्से की जमीन बेचनी है, तो उन्हें भी इस तरह का कुर्सीनामा बनाना होगा.
रजिस्ट्री के लिए दाखिल-खारिज की अनिवार्यता के आदेश पर हाइकोर्ट ने लगायी है अंतरिम रोक
दो नामों पर दाखिल-खारिज, तो वह हो जायेगा रद्द
इसके अलावा इससे संबंधित कुछ अहम प्रावधान भी किये जा रहे हैं. इसमें यह भी होगा कि अगर किसी जमीन का दाखिल-खारिज डुप्लीकेट है या दो लोगों के नामों पर है, तो वह रद्द हो जायेगा. उस जमीन की रजिस्ट्री किसी सूरत में नहीं होगी. ऐसे मामलों की जांच भी होगी और इसके लिए दोषी संबंधित कर्मी पर कार्रवाई भी की जायेगी. हालांकि कुछ मामलों की गहन समीक्षा करने के बाद इसमें अनुमति मिल सकती है. परिस्थिति या शर्तें क्या होगी, इस पर विचार किया जा रहा है.

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