पटना : एरियल सर्वे में मिले एक लाख पानी के स्रोत स्थल, एप से किया जा रहा चिह्नित

अनिकेत त्रिवेदी राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध करायी सूची पटना : भले ही राज्य में भूमि सर्वेक्षण के लिए करायी गयी एरियल (हवाई) फोटोग्राफी का उपयोग सर्वे में उतना नहीं हो पाया हो, लेकिन तीन चार वर्षों के बाद एरियल फोटोग्राफी का काम जल-जीवन-हरियाली में किया जाने लगा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2019 8:17 AM
अनिकेत त्रिवेदी
राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध करायी सूची
पटना : भले ही राज्य में भूमि सर्वेक्षण के लिए करायी गयी एरियल (हवाई) फोटोग्राफी का उपयोग सर्वे में उतना नहीं हो पाया हो, लेकिन तीन चार वर्षों के बाद एरियल फोटोग्राफी का काम जल-जीवन-हरियाली में किया जाने लगा है.
दरअसल, राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने उस एरियल फोटोग्राफी का सहारा लेकर ग्रामीण विकास विकास को राज्य में लगभग एक लाख जगहों की सूची उपलब्ध करायी गयी है. जहां पहले जल स्रोत हुआ करते थे या वर्तमान में भी उनका अंश बचा है. अब जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत उन स्रोतों को चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है.
अगले वर्ष इन जगहों पर पानी संचयन होगा
विभाग ने उन एक लाख जगहों को जिलावार आंकड़ा बनाकर सभी जिलों को भेज दिया है. विभाग की ओर से निर्देश दिया गया है कि पहले एरियल फोटोग्राफी के आधार पर उन जगहों को खोजा जाये.
उन्हें चिह्नित किया जाये. साथ ही अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट की जाये. ताकि आगे चल कर उन जगहों का आवश्यकता अनुसार पुन: जीवित करने के लिए जीर्णोद्धार करने काम किया जाये. जानकारी के अनुसार जल स्रोतों में तालाब, आहर, पइन से लेकर अन्य कई प्राकृतिक जल संचयन इकाइयों का उल्लेख है. ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जल जीवन हरियाली के तहत एक एप को डेवलप किया गया है.
इस एप के माध्यम से सभी जिलों से रिपोर्ट देने के निर्देश दिये गये हैं. विभाग का निर्देश है कि 31 दिसंबर तक सभी जल संचय इकाई को चिह्नित कर अतिक्रमण मुक्त कर दिया जाये. इसके अलावा मई 2020 तक जीर्णोद्धार का काम भी पूरा कर लेना है. ताकि अगले वर्ष बारिश के समय इन जगहों पर पानी संचयन का काम पूर्ण रूप से हो सके.
सभी जिलों को उनके क्षेत्र में जल संचय इकाइयों का आंकड़ा भेज दिया गया है. जिलों को अब चिह्नित करने की कार्रवाई करनी है. एप के माध्यम से कई जिलों से रिपोर्ट भी आने लगी है. एरियल फोटोग्राफी का फायदा मिला है. आगे आवश्यकतानुसार जीर्णोद्धार का काम किया जायेगा.
– अरविंद कुमार चौधरी, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग

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