पटना :एससी-एसटी के लंबित मामलों का निबटारा जल्द करें : मुख्यमंत्री नीतीश
मामला एससी-एसटी का . सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक नये सिरे से सरकारी वकीलों की होगी तैनाती पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में एससी-एसटी के जितने भी मामले लंबित पड़े हुए हैं, उनका निबटारा जल्द- से- जल्द कराया जाये. इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाये. ऐसे मामलों की थानावार […]
मामला एससी-एसटी का . सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक
नये सिरे से सरकारी वकीलों की होगी तैनाती
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में एससी-एसटी के जितने भी मामले लंबित पड़े हुए हैं, उनका निबटारा जल्द- से- जल्द कराया जाये. इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाये. ऐसे मामलों की थानावार समीक्षा कर यह पता करें कि कहां, कितने मामले लंबित पड़े हैं.
इसके बाद इनका निबटारा तेजी से करायें. मुख्यमंत्री ने डीजीपी को थानावार लंबित पड़े ऐसे मामलों की गहन समीक्षा करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री सोमवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 और संशोधन नियम- 2016 के अंतर्गत राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनीटरिंग समिति की बैठक कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के तहत मामलों की सुनवाई करने के लिए गठित विशेष न्यायालयों में विशेष लोक अभियोजकों (स्पेशल पीपी) की नियुक्ति की जाये. इसके लिए इच्छुक, योग्य और प्रतिबद्ध अधिवक्ताओं को दायित्व सौंपा जाये. वहीं, अयोग्य स्पेशल पीपी को दायित्व से मुक्त किया जाये ताकि लंबित पड़े मामलों के निष्पादन में तेजी लायी जा सके. समय-समय पर अधिनियम और अधिनियम के प्रावधानों में हुए परिवर्तन को देखते हुए संबंधित पदाधिकारियों के लिए इस नियम और अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायें. इस कानून का पालन कराने वाले पदाधिकारियों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम भी आयोजित किये जायें
ताकि इस कानून का पालन सही तरीके से हो सके और संबंधित पीड़ित
लोगों को इसका सही मायने में लाभ मिल सके.
डीजीपी को ऐसे मामलों की थानेवार समीक्षा का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की नियमित बैठक आयोजित की जाये. सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया हुआ है.
महादलित के अलावा सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के बेघर परिवारों को वास भूमि उपलब्ध करायी जाये. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत जिन लोगों को आवास का आवंटन हुआ है, लेकिन उनके पास जमीन नहीं है. उन्हें जमीन खरीदने के लिए राज्य सरकार 60 हजार रुपये मुहैया करा रही है.
अगले वर्ष फिर 26 जनवरी के बाद होगी बैठक
इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नये वर्ष जनवरी में गणतंत्र दिवस के बाद किसी भी दिन फिर से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अनुश्रवण समिति की बैठक होगी.
इस बैठक में कई जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी बातें रखीं और पीड़ित व्यक्तियों को जल्द -से -जल्द राहत देने के लिए अपेक्षित कार्रवाई कराने का अनुरोध किया. इस दौरान डीजीपी के स्तर पर दोष सिद्धि दर, पीड़ित व्यक्तियों को दी जाने वाली राहत, पुनर्वास सुविधाओं एवं उनसे जुड़े अन्य मामलों की भी समीक्षा की गयी. जिला स्तर पर गठित निगरानी एवं अनुश्रवण समिति के कार्यकलापों की भी जानकारी दी गयी.
इस बैठक में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, एससी-एसटी कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, उद्योग मंत्री श्याम रजक, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, सांसद विजय कुमार, विधायक ललन पासवान, विधायक मनीष कुमार, विधायक भगीरथी देवी, विधायक प्रेमा चौधरी, बीमा भारती, मनोहर प्रसाद सिंह, प्रभुनाथ प्रसाद, रत्नेश सदा के अलावा मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, भूमि एवं राजस्व के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, एससी-एसटी कल्याण विभाग के सचिव प्रेम कुमार मीणा, सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव अनुपम कुमार व गोपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.