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विज्ञान में पीएचडी करने वाली लड़कियों में चार गुना इजाफा, मुस्लिम छात्राओं का भी बढ़ा दखल

राजदेव पांडेय 2013-2018 के बीच पीएचडी करने वालों में 43 फीसदी लड़कियां पटना : पटना विश्वविद्यालय में विज्ञान विषयों में पीएचडी करने वाली लड़कियों की संख्या में तीन से चार गुना इजाफा हुआ है. 2013- 2018 के बीच विश्वविद्यालय से कुल 73 विद्यार्थियों ने पीएचडी की है. इनमें लड़कियों की संख्या 31 है, जो करीब […]

राजदेव पांडेय
2013-2018 के बीच पीएचडी करने वालों में 43 फीसदी लड़कियां
पटना : पटना विश्वविद्यालय में विज्ञान विषयों में पीएचडी करने वाली लड़कियों की संख्या में तीन से चार गुना इजाफा हुआ है. 2013- 2018 के बीच विश्वविद्यालय से कुल 73 विद्यार्थियों ने पीएचडी की है. इनमें लड़कियों की संख्या 31 है, जो करीब 43% है.
इनमें अपवादस्वरूप एक भूगोल की पीएचडी भी शामिल है. 21वीं सदी के पहले दशक में विज्ञान विषयों में पीएचडी करने वाली लड़कियों की संख्या कभी दहाई में नहीं पहुंची थी. 2010 से पहले तक विज्ञान विषयों में पीएचडी करने वाली लड़कियों की संख्या करीब सात-आठ के आसपास रहा करती थी. जहां तक मुस्लिम लड़कियों का सवाल है, तो पिछले दशक तक विज्ञान विषयाें में पीएचडी करने वाली लड़कियां दुर्लभ ही थीं. पिछले पांच वर्षों में तीन लड़कियां विज्ञान विषयों में पीएचडी कर चुकी हैं. उच्च शिक्षा में मुस्लिम लड़कियों का बढ़ता दखल उत्साहजनक माना जा सकता है.
2013 से 2018 तक पीएचडी करने वाली छात्राओं की संख्या
विषय छात्र
वनस्पति विज्ञान 12
बायो केमिस्ट्री 02
केमिस्ट्री 06
जंतु विज्ञान 10
भूगोल 01
पीजी में गणित की 60 सीटों में से 42 पर लड़कियों का कब्जा
गणित में भी लड़कियों का वर्चस्व लगातार बढ़ता जा रहा है. पटना विवि में चालू शैक्षणिक सत्र में स्नातकोत्तर में गणित की कुल 60 सीटें हैं. इनमें 42 से अधिक पर लड़कियों का कब्जा है. इनमें मुस्लिम छात्राओं की संख्या 8-10 के बीच है. इस तरह स्नातकोत्तर में लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ दिया है. स्नातक में भी लड़कियों की संख्या करीब 20% है.
एक्सपर्ट व्यू
एक दशक पहले तक लड़कियां गणित में ज्यादा रुचि नहीं लेती थीं. हालांकि, चालू दशक में लड़कियों के सोच में क्रांतिकारी बदलाव आया है. इस साल गणित पीजी में सबसे ज्यादा एडमिशन लेकर उन्होंने लड़कों को बहुत पीछे छोड़ दिया है. पिछले पांच वर्षाें में विज्ञान में पीएचडी करने वाली लड़कियों की संख्या कई गुनी बढ़ गयी है.
सबसे सुखद संकेत है कि मुस्लिम लड़कियों का विज्ञान और गणित में दखल बढ़ना. इससे इस समाज के प्रगति के रास्ते खुल जायेंगे. दरअसल रोजगार के नजरिये से गणित ज्यादा संभावनाशील विषय है. पिछले कुछ समय में गणित के जरिये शिक्षा संस्थानों में लड़कियों की नियुक्तियां अधिक हुई हैं.
—प्रो केसी सिन्हा, प्राचार्य, सायंस कॉलेज पटना

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