पटना : केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बिहार में विपक्षी महागठबंधन वाम दलों के साथ मिलकर बुधवार को राज्यव्यापी ‘आक्रोश मार्च’ निकाला. ‘आक्रोश मार्च’ की शुरुआत गांधी मैदान से की गयी. इस ‘आक्रोश मार्च’ में महागठबंधन में समन्वय समिति के गठन की मांग पूरी नहीं होने से नाराज चल रहे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर और विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया भी इस ‘आक्रोश मार्च’ में शामिल हुए. मालूम हो कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से उनके सरकारी आवास पर उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को मुलाकात की थी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने केंद्र और राज्य सरकार पर जम कर बरसे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का जो रवैया है, पूरे देश में जो नफरत का माहौल है, आर्थिक मंदी के दौर में देश इतना पीछे हो गया है, जितना कभी नहीं था. छंटनी हो रही है, लोग बेरोजगार हो रहे हैं. बिहार में तो शिक्षा चौपट, स्वास्थ्य चौपट, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति ऐसी है कि जहां जिसकी मर्जी हत्या कर दे, कोई देखनेवाला नहीं है. इन तमाम चीजों से जनता को निजात दिलाना है. इसके अलावा तमाम हमारे मुद्दे हैं. वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार और प्रशासन होश में आये, नहीं तो आज हमने प्रदर्शन किया है, जरूरत पड़ेगी तो और उग्र प्रदर्शन करेंगे. जबकि, मुकेश सहनी ने कहा कि आज मध्य बिहार में प्रदर्शन हो रहा है. आनेवाले समय में पूरे बिहार में चक्का जाम करेंगे.
आक्रोश मार्च में मुख्यरूप से आरएलएसपी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी,विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.