पटना : योग और व्यायाम किया, तो अपंग होने से बच गया पंकज
पटना : योग और व्यायाम ने मुजफ्फरपुर के 17 वर्षीय पंकज को अपंग होने से बचा लिया. मैट्रिक पास होने के बाद इसी साल जून में अपनी बाइक से पंकज कॉलेज में एडमिशन के लिए जा रहा था. इसी दौरान उसका एक्सीडेंट हो गया और बायें पैर के घुटने में फ्रैक्चर हो गया. फ्रैक्चर के […]
पटना : योग और व्यायाम ने मुजफ्फरपुर के 17 वर्षीय पंकज को अपंग होने से बचा लिया. मैट्रिक पास होने के बाद इसी साल जून में अपनी बाइक से पंकज कॉलेज में एडमिशन के लिए जा रहा था.
इसी दौरान उसका एक्सीडेंट हो गया और बायें पैर के घुटने में फ्रैक्चर हो गया. फ्रैक्चर के बाद धमनियों में रक्त का प्रवाह थम गया और इसकी वजह से पैर को काटने की नौबत आ पड़ी थी. इसे चिकित्सा विज्ञान की भाषा में कंपार्टमेंट सिंड्रोम कहते हैं, जिसके कारण यदि रक्त का प्रवाह पूरी तरह बंद हो जाये, तो उसके बाद काटना ही समाधान होता है. पंकज पहले पीएमसीएच पहुंचा.
फिर बनारस भी गया. इस दौरान 25 हजार रुपये भी खर्च हो गये. पंकज के पिता पेशे से ट्रैक्टर के ड्राइवर हैं. निम्न मध्य वर्गीय परिवार से होने के कारण उसके लिए पैसा खर्च करना मुश्किल था. इसके बाद किसी ने उन्हें आइजीआइएमएस का पता बताया.यहां जून में ही आने पर, तो ऑर्थोपेडिक्स फिर कार्डियोथोरेसिक और फिजियोथेरेपी विभाग ने एक साथ मिल कर इलाज किया.
उन्हें दवाओं के साथ-साथ योग और रेगुलर एक्सरसाइज करायी गयी. पहले वाॅकर और फिर बिना वॉकर के पंकज अब 80 फीसदी तक खुद-ब-खुद चलने लगे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिकित्सा अधीक्षक मनीष कुमार मंडल, ऑर्थो विभागाध्यक्ष डॉ संतोष कुमार और फिजियोथेरेपी विभागाध्यक्ष डॉ रत्नेश कुमार चौधरी ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण पंकज का इलाज मुफ्त में किया गया है. इस सर्जरी में 50 से 60 हजार रुपये खर्च होते हैं. निजी अस्पतालों में तो एक से डेढ़ लाख रुपये की राशि लगती.