पटना : स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार ओडीएफ के बदले ओडीएफ प्लस के आधार पर शहरों को नंबर दिये जायेंगे. दरअसल, इस वर्ष दो अक्तूबर को ओडीएफ वाले अंक को बदल कर ओडीएफ प्लस कर दिया गया है. ओडीएफ प्लस में नंबर देने का आधार शौचालयों के रखरखाव से और उनकी मरम्मत को लेकर होगा. जानकारी के अनुसार अोडीएफ प्लस-प्लस वाले शहर को 500 अंक, ओडीएफ प्लस वाले शहरों को 300 अंक, प्री सर्टिफाइड ओडीएफ सिटी को 200 अंक और सर्टिफाइड ओडीएफ सिटी को 100 अंक दिये जायेंगे. शौचालय व पानी की उपलब्धता पर एक हजार अंक है.
जनवरी में आयेगी केंद्रीय टीम : जानकारी के अनुसार जनवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण की केंद्रीय टीम आ रही है. इस बार अधिकारियों की ओर दिये जाने वाले अंक को तीन हजार से घटा कर 1500 किया गया है.
टीम लगभग 15 दिनों तक विभिन्न शहरों में घूम कर निरीक्षण का काम करेगी. इसके अलावा जनवरी से ही सर्वेक्षण में सिटी जन फीडबैक की प्रक्रिया शुरू होगी. लोगों की टिप्पणी पर शहर को 1500 अंक निर्धारित किया गया है. इसके अलावा सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर 1300 अंक निर्धारित किया गया है.इस बार कागजों के सर्टिफिकेशन पर भी 1500 का अंक निर्धारित है.
मैनेजमेंट पर अंक
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में फीकल स्लज मैनेजमेंट जोड़ा गया है. नियम के अनुसार अगर आप का अपार्टमेंट या घर है तो उसकी सैप्टिक टैंक की सफाई तीन वर्ष में एक बार करानी अनिवार्य होगी. सफाई करने के बाद कचरे को कोई नदी या तालाब में नहीं फेंका जा सकेगा.
अगर उस समय में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है तो निकायों को इसकी व्यवस्था करनी होगी. स्वच्छता सर्वेक्षण में बताया गया है कि ऐसे कचरे को एक मीटर गहरा गड्ढा बनाकर जमीन में दबाना होगा. सफाई करने वाले वेंडरों को नगर निगम लाइसेंस देकर चिह्नित करेगा. गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत राज्य के सभी 142 शहरी निकायों को सर्वेक्षण में भाग लेना है