पिछले 4 सालों में पटना की वायु गुणवत्ता इस साल अब तक बेहत्तर, उठाये गये हैं कई कदम : सुशील मोदी

पटना : बिहार सरकार, आद्री व अन्य संस्थाओं की ओर से तैयार ‘ कम्परहेंसिव क्लीन एयर एक्शन प्लान फाॅर दी सिटी आफ पटना’ रिपोर्ट को जारी करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में इस साल अब तक पटना की वायु गुणवत्ता काफी बेहतर हैं. जहां 2016 में 40 दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2019 6:35 PM

पटना : बिहार सरकार, आद्री व अन्य संस्थाओं की ओर से तैयार ‘ कम्परहेंसिव क्लीन एयर एक्शन प्लान फाॅर दी सिटी आफ पटना’ रिपोर्ट को जारी करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में इस साल अब तक पटना की वायु गुणवत्ता काफी बेहतर हैं. जहां 2016 में 40 दिन सीवियर श्रेणी का रहा, वहीं इस साल अभी तक मात्र 16 दिन तथा बहुत खराब श्रेणी में पिछले साल 108 जबकि इस साल अभी तक मात्र 42 दिन रहा है. दिन में वायु की गुणवत्ता बेहतर रहती है, जबकि ठंड बढ़ने पर रात में स्थिति खराब हो जाती है.

वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए पटना में 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों के परिचालन पर रोक, जनवरी 2021 से डीजल, पेट्रोल से चलने वाले थ्री व्हीलर पर प्रतिबंध, ई-रिक्शा को बढ़ावा हेतु रोड टैक्स में 50 फीसदी की रियायत, प्रदूषण जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ाने, प्रदूषण प्रमाणपत्र के साथ गाड़ियों की जांच, सीएनजी स्टेशन की स्थापना, इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहन, वायु माॅनिटरिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने सहित कई कदम उठाये गये हैं.

सुशील मोदी ने कहा कि पटना और आसपास के क्षेत्रों में प्रतिबंध के बाद 150 से अधिक 15 साल पुराने वाहनों को जब्त किया गया है. पटना के आस पास ईंट-भट्ठों पर रोक लगा दिया गया है. जनवरी, 2021 से पटना में डीजल, पेट्रोल चालित तिपहिया वाहनों पर रोक से पहले चालकों को सीएनजी में बदलने के लिए 40 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा. पटना में वर्तमान में दो सीएनजी स्टेशन चालू हैं, जिनकी संख्या मार्च तक बढ़ कर 10 हो जायेगी.

सतत वायु गुणवत्ता की माॅनिटरिंग के लिए वर्तमान में पटना में मात्र एक केन्द्र तारामंडल के पास है, जबकि अगले एक महीने में पांच और माॅनिटरिंग सेंटर चालू हो जायेंगे. सभी जिलों में एक-एक वायु गुणवत्ता माॅनिटरिंग सेंटर स्थापित किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदूषण जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उसकी फी कम की जायेगी. पटना में दो मोबाइल प्रदूषण जांच वाहन की सेवा शुरू की गयी है. वैसे, 1 अप्रैल, 2020 से बीएस-6 गाड़ियों के आने के बाद वायु प्रदूषण में कमी की संभावना है. वायु की गुणवत्ता प्रभावित होने के कतिपय प्रमुख कारकों में कार्बन उत्सर्जन, वाहनों की बढ़ती संख्या के अलावा मौसम, हवा की गति और दिशा, तापमान, आद्रता, वर्षा व वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आदि हैं.

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