पटना : राज्य सरकार ने जमीन विवाद सुलझाने के लिए बिहार रजिस्ट्री संशोधन नियमावली-2019 नामक विशेष कानून अक्तूबर में लागू किया था. 10 अक्तूबर से लागू हुए इस कानून में प्रावधान था कि किसी जमीन की बिक्री या दान सिर्फ वही व्यक्ति कर सकते हैं, जिनके नाम पर संबंधित जमीन की दाखिल-खारिज है.
परंतु 25 अक्तूबर को इस कानून पर हाइकोर्ट के स्तर से रोक लगा दी गयी, जो अब तक जारी है. इस कानून के लागू होते ही राज्य में जमीन रजिस्ट्री की संख्या एकदम से कम हो गयी थी. 10 से 25 अक्तूबर तक इस कानून के लागू रहने के दौरान पूरे राज्य में जमीन रजिस्ट्री की संख्या घटकर महज 11 हजार 228 हो गयी. जबकि इससे पहले के आंकड़े पर नजर डालें, तो सिर्फ एक से 9 अक्तूबर के बीच राज्य में 29 हजार 605 रजिस्ट्री हुई थी.
यानी नौ दिनों में जितनी रजिस्ट्री हुई थी, उसकी आधी से भी कम रजिस्ट्री इस कानून के लागू रहने के 15 दिनों की अवधि में हुई थी. इसी तरह अगर इस कानून पर रोक लगने के बाद देखें, तो 26 से 31 अक्तूबर के बीच यानी महज छह दिनों में 10 हजार 931 रजिस्ट्री हो गयी.