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बिहार में कुत्ते, घोड़े, लाठी के नाम पर जमीन निबंधित : सत्यपाल मलिक, कहा- जमींदारी उन्मूलन ठीक से लागू नहीं

पणजी : गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि जमींदारी उन्मूलन अधिनियम को बिहार में ठीक से लागू नहीं किया गया था. साथ ही उन्होंने कहा कि सूबे में कुत्तों, घोड़ों और यहां तक कि लाठी के नाम पर भूमि निबंधित है. बिहार के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुके ‘सत्यपाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2019 8:33 AM

पणजी : गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि जमींदारी उन्मूलन अधिनियम को बिहार में ठीक से लागू नहीं किया गया था. साथ ही उन्होंने कहा कि सूबे में कुत्तों, घोड़ों और यहां तक कि लाठी के नाम पर भूमि निबंधित है.

बिहार के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुके ‘सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि ‘बिहार में जमींदारी के बारे में क्या कहा जा सकता है? राज्य में जमीन कुत्तों, घोड़ों और यहां तक ​​कि लाठी के नाम पर पंजीकृत हैं. कुछ मामले ऐसे हैं, जहां कुछ जमींदारों के पास चार से पांच हजार बीघा जमीन है. यही कारण है कि वहां इस क्षेत्र में कोई उचित राजस्व रिकॉर्ड नहीं है.’

गोवा विश्वविद्यालय के मैदान में 70 वें संविधान दिवस समारोह में एक सभा को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में जमींदारी को सबसे अच्छे से लागू किया गया.’ उन्होंने कहा कि उन्मूलन अधिनियम के लागू होने से समाज के कमजोर वर्ग मजबूत हुए हैं.उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र अच्छा काम कर रहा है.

मलिक ने कहा, ‘मैं एक गांव में एक किसान के यहां पैदा हुआ था. संविधान ने मुझे एक विधायक बनने और आज इस मुकाम तक पहुंचने की ताकत दी. इससे पता चलता है कि लोकतंत्र काम कर रहा है.’ ‘मैं कुछ लोगों को जानता हूं, जिन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है. उनमें से दो या तीन अभी जेल में हैं. ऐसा तब होगा, जब लोग संविधान का पालन नहीं करेंगे.

भारतीय संविधान ने दलितों, आदिवासियों आदि जैसे समाज के कमजोर वर्गों को मजबूत किया है. मालूम हो कि सत्यपाल मलिक चार सितंबर, 2017 से 22 अगस्त, 2018 तक बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था. उसके बाद वह जम्मू के राज्यपाल नियुक्त किये गये थे.

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