पटना : पंचायतों में तालाब, पालीगंज में दो चेकडैम बनेंगे
पटना : जल-जीवन हरियाली के अंतर्गत जिस तरह से निर्माण एवं जीर्णोद्धार की तैयारी है, उसके हिसाब गांवों की सूरत बदलने वाली है. जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए चयनित निर्माण कार्यों को अगर समय से पूरा किया जाता है तो बड़ी उपलब्धि होगी. इस बार मनरेगा, कृषि विभाग समेत अन्य विभागों से कई […]
पटना : जल-जीवन हरियाली के अंतर्गत जिस तरह से निर्माण एवं जीर्णोद्धार की तैयारी है, उसके हिसाब गांवों की सूरत बदलने वाली है. जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए चयनित निर्माण कार्यों को अगर समय से पूरा किया जाता है तो बड़ी उपलब्धि होगी.
इस बार मनरेगा, कृषि विभाग समेत अन्य विभागों से कई तरह के निर्माण कार्य होने हैं. इनमें सभी पंचायतों में एक तालाब या पइन-अाहर बनना है. अब तक 336 का चयन हो गया है. इसमें कुछ ऐसे भी पोखर हैं जो जिनका जीर्णोद्धार होना है. जिन पंचायतों में जल संचय के कोई संसाधन नहीं है, वहां एक तालाब बनाने की तैयारी है. सिंचाई विभाग की तरफ से पालीगंज ब्लाॅक में दो चेकडैम बनाया जायेगा. इस योजना के पीछे बारिश के पानी को संचय करने और उसके बेहतर उपयोग की प्लानिंग है.
381 सोख्ते का भी िकया जायेगा निर्माण
पटना के 23 ब्लॉकों के सभी पंचायत में सोख्ता (शोकपिट) बनना है. अब तक 381 सोख्ता बनना तय हुआ है. इसके निर्माण से गांव में हैंडपंप के पास खुले में दिखने वाला गड्ढा अब खत्म हो जायेगा. उसकी जगह पर सोख्ता बनाया जायेगा, जिसमें रोज घरों से निकलने वाला पानी जायेगा. इसमें सबसे अधिक 45 सोख्ता मोकामा ब्लॉक में बनने वाला है. जबकि सबसे कम घोसवरी और बेलछी में 4-4 सोख्ता बनना है.
सबसे ज्यादा 15 जगह मनेर में
अथमलगोला, बख्तियारपुर, धनरूआ, दानापुर, दुल्हिनबाजार, मनेर, मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ, पुनपुन और संपतचक में रेनवाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण होना है. कुल 50 रेनवाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण होना है. इसमें सबसे ज्यादा 15 जगह मनेर में तय हुआ है. जबकि बख्तियारपुर में 11 रेनवाटर हार्वेस्टिंग बनना है. इससे बारिश के दौरान मकान की छत पर इकट्ठा जल का संचय व सही उपयोग हो सकेगा.
69,000 हजार पौधारोपण की तैयारी : सभी पंचायतों में पौधारोपण बड़े पैमाने पर होना है. गांव को हरा-भरा बनाने के लिए यह प्लानिंग की गयी है. इसके तहत कुल 69,000 हजार पौधारोपण होना है. प्रत्येक पंचायतों में पौधारोपण होना है. डीआरडीए के डायरेक्टर मनन प्रसाद ने बताया कि इसमें अभी और बढ़ोतरी होगी. निर्माण व जीर्णोद्धार के लिए भी पोखर, तालाब, पइन को चयनित किया जा रहा है.