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सुपर 30 के आनंद के खिलाफ याचिका बंद करने का आदेश

गुवाहाटी : गुवाहाटी हाइकोर्ट ने ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार के खिलाफ चार छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिका पर आगे की कार्यवाही गुरुवार को बंद करने का आदेश दिया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि कुमार ने ‘सुपर 30’ में दाखिला दिलाने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी की. हालांकि, हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता […]

गुवाहाटी : गुवाहाटी हाइकोर्ट ने ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार के खिलाफ चार छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिका पर आगे की कार्यवाही गुरुवार को बंद करने का आदेश दिया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि कुमार ने ‘सुपर 30’ में दाखिला दिलाने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी की. हालांकि, हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता आइआइटी गुवाहाटी के चारों छात्रों को उस अदालत में याचिका दायर करने की अनुमति दे दी, जिसके क्षेत्राधिकार में पटना आता है. कोर्ट ने इसके बाद याचिका वापस लिया हुआ मानकर मामले को बंद करने का आदेश दिया.
गुवाहाटी हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा और न्यायमूर्ति एएम बुजरबरुआ की खंडपीठ ने कुमार के खिलाफ दायर जनहित याचिका में कही गयी बातों, आनंद कुमार, बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद और अन्य छात्रों द्वारा दायर हलफनामे को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया.
गुवाहाटी हाइकोर्ट में चार छात्रों ने आनंद पर लगाया था धोखधड़ी का आरोप
अभयानंद ने दायर किया हलफनामा
याचिका में अन्य प्रतिवादी ‘सुपर 30′ के सह-संस्थापक एवं बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने हाइकोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने समाज की समस्याओं के समाधान के लिए ‘सुपर 30’ के नेक कार्यक्रम का विचार किया था. आनंद कुमार की गणितीय विचार प्रक्रिया में कमियां थीं. अभयानंद ने यह भी दावा कि कुमार के नाम पर बनी फिल्म ‘सुपर 30’ में उनका कोई जिक्र नहीं है. यह फिल्म इस साल सिनेमाघरों में रिलीज हुई और हिट रही.
पीठ के समक्ष पेश हुए आनंद, जमा कराये 50,000 रुपये
आदेश का अनुपालन करते हुए आनंद कुमार गुवाहाटी हाइकोर्ट में पेश हुए और पहले के निर्देशानुसार मंगलवार को पीठ के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं होने के लिए अदालत से माफी मांगी. कुमार ने हाइकोर्ट के निर्देशानुसार बिहार के इन छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए 50,000 रुपये जमा कराये.
इसी खंडपीठ ने 19 नवंबर को कुमार को पेश होने का आदेश दिया था और 26 नवंबर को कहा था कि अगर वह पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जायेगा. आइआइटी-जी के चार छात्रों की ओर से पेश हुए वकील अमित गोयल ने कहा कि छात्रों ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया है कि कुमार ने 2018 में उनके सुपर 30 से आइआइटी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 26 छात्रों के नामों का खुलासा नहीं किया है.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आनंद कुमार के गलत जानकारी देने के कारण हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से कई छात्र पूरी निष्ठा से उनके पास जाते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे आइआइटी-जेइइ उत्तीर्ण करने में उनकी मदद करेंगे. याचिका के अनुसार ये छात्र पटना पहुंचकर उनके कोचिंग ‘इंस्टीट्यूट रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमैटिक्स’ में दाखिला लेते हैं और हर किसी से 33,000 रुपये लिये जाते हैं.

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