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पटना : सड़कें चौड़ी करने को तोड़ा फुटपाथ, वैसे ही छोड़ दिया
पटना : राजधानी की कई सड़कों पर पैदल चलने वाले परेशान हैं. डेढ़ साल पहले अतिक्रमण हटाने के नाम पर फुटपाथ तोड़े जा चुके हैं, लेकिन सड़कें चौड़ी नहीं हो पायी हैं. इससे पैदल चलने वालों को परेशानी हो रही है. डेढ़ वर्ष पहले निगम क्षेत्र की सभी मुख्य सड़कों से अतिक्रमण हटाया गया. इस […]
पटना : राजधानी की कई सड़कों पर पैदल चलने वाले परेशान हैं. डेढ़ साल पहले अतिक्रमण हटाने के नाम पर फुटपाथ तोड़े जा चुके हैं, लेकिन सड़कें चौड़ी नहीं हो पायी हैं. इससे पैदल चलने वालों को परेशानी हो रही है. डेढ़ वर्ष पहले निगम क्षेत्र की सभी मुख्य सड़कों से अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में स्थायी व अस्थायी निर्माण ध्वस्त किये गये. अभियान खत्म होने के बाद सड़कें चौड़ी करने व नये मानक के अनुसार फुटपाथ विकसित करने की योजना बनायी गयी. इस योजना को नगर निगम व पथ निर्माण विभाग को मिल कर पूरा करने की जिम्मेदारी तय की गयी. लेकिन, अब तक न सड़कें चौड़ी हुईं और न ही फुटपाथ विकसित किया जा सका है.
बोरिंग कैनाल रोड को करना है 10 फुट चौड़ा : बोरिंग कैनाल रोड में हड़ताली मोड़ से लेकर राजापुर पुल तक दो दर्जन से अधिक मकानों की बाउंड्री ध्वस्त की गयीं. यहां सड़क 10 फुट चौड़ा करनी थी. लेकिन, अब तक चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है. बोरिंग रोड, स्टेशन रोड, नाला रोड, कंकड़बाग मेन रोड, ओल्ड बाइपास रोड आदि सड़कों पर बने फुटपाथ के ऊपर से अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान फुटपाथ भी क्षतिग्रस्त हो गया, जो अब तक उखड़ा हुआ है. इससे पैदल जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
वहीं, मानक के अनुरूप 155 सेंटीमीटर ऊंचा फुटपाथ बनाना है. लेकिन, निगम प्रशासन की अनदेखी से योजना फाइलों में दब गयी है. स्थिति यह है कि स्टेशन रोड सहित अधिकतर सड़कों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो गया है. नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि पथ निर्माण विभाग के सहयोग से योजनापूरी करनी है.
मुख्य चौराहों पर नहीं लगे चलंत शौचालय-यूरिनल
पटना : शहर में सुरक्षा चौकियों, मुख्य चौक-चौराहों पर लगाया जाने वाला चलंत शौचालय-यूरिनल अब तक नहीं लग सका. 15 दिन के अंदर इसे तैयार करने के लिए कहा गया था. कमिश्नर ने बैठक कर ट्रैफिक एसपी से शहरी क्षेत्र में मौजूद सुरक्षा चौकियों, मुख्य चौराहों पर जहां शौचालय और यूरिनल की व्यवस्था नहीं है, उन जगहों को चिह्नित करके रिपोर्ट देने को कहा था. लेकिन न रिपोर्ट मिली और न ही चलंत शौचालय ही बने.
सात को कमिश्नर ने की थी बैठक
कमिश्नर संजय कुमार अग्रवाल ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि वह सुरक्षा चौकियों एवं विभिन्न चौक-चौराहों पर चलंत शौचालय एवं यूरिनल का निर्माण करायें. तय हुआ था कि इसकी सफाई की जिम्मेदार नगर निगम की रहेगी. ट्रैफिक एसपी से ऐसी जगहों की सूची मांगी गयी थी, जहां शौचालय नहीं है और महिला पदाधिकारी ड्यूटी करती हैं.
दरअसल कमिश्नर संजय कुमार अग्रवाल ने बैठक में कहा कि शिकायत मिल रही थी कि पटना शहरी क्षेत्र में यातायात संचालन, विधि-व्यवस्था, एवं सघन जांच के लिए तैनाती के दौरान पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों, विशेषकर महिला पुलिस कर्मी के आस-पास नित्य क्रिया-क्रम के लिए शौचालय एवं यूरिनल की व्यवस्था नहीं रहने के कारण ड्यूटी करने में समस्या उत्पन्न होती है. इस पर प्रमंडलीय आयुक्त ने ऐसी जगहों को चिह्नित कर यहां पर शौचालय एवं यूरिनल की व्यवस्था कराने का आदेश दिया था. लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका है और 21 दिन बीत चुके हैं.
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