केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से करते रहेंगे आंदोलन : कुशवाहा, कहा…
पटना : बिहार की शिक्षा में संपूर्ण सुधार को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने आमरण अनशन के चौथे दिन संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से ईंट-से-ईंट बजाने की भी बात कही. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने […]
पटना : बिहार की शिक्षा में संपूर्ण सुधार को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने आमरण अनशन के चौथे दिन संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से ईंट-से-ईंट बजाने की भी बात कही.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने आमरण अनशन के चौथे दिन कहा कि बिहार सरकार ने साल 2017 में कहा था कि बिहार के बच्चों के नामांकन की गारंटी केंद्रीय विद्यालय ले, तो स्कूल खुल सकता है. बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में कम-से-कम 50 फीसदी बिहार के छात्रों को नामांकन दिये जाने पर बिहार सरकार द्वारा नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराने की बात कही थी. अब आम लोगों द्वारा केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध कराये जाने के बावजूद बिहार सरकार अड़ंगा लगा रही है. औरंगाबाद के देवकुंड में महंत जी द्वारा दान स्वरूप जमीन दिये जाने और रजिस्ट्री किये जाने के बावजूद सरकार अड़ंगा लगा रही है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आप कुशवाहा से जितनी इर्ष्या करनी हो करें. लेकिन, राजनीति में निजी इर्ष्या की कोई जगह नहीं होती. साथ ही कहा कि बिहार सरकार कह रही है कि राज्य सरकार की सहमति के बिना केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत कर दिया. आपको (मुख्यमंत्री को) कुशवाहा को धन्यवाद देना चाहिए कि मैंने केंद्र सरकार से केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत करा दिया.
उन्होंने कहा कि लोगों को अपेक्षा रहती है कि जिस राज्य से कोई केंद्रीय मंत्री बनता है, तो उस राज्य को कुछ अधिक मिले. हमने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया. राज्य सरकार का आरोप है कि बिना पूछे स्वीकृति कैसे मिली. हमारे पास नवादा में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया. केंद्र सरकार ने प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृति दी. यह प्रस्ताव बिहार सरकार के अधिकारियों ने ही भेजा था. हमारी मांग एक-दो केंद्रीय विद्यालय खोलने की नहीं, बिहार की शिक्षा में संपूर्ण सुधार की है. इसके लिए हम आंदोलन कर रहे हैं. यह शुरुआत है. हमारा आंदोलन चलता रहेगा और तब तक चलता रहेगा, जब तक बिहार की शिक्षा में संपूर्ण सुधार नहीं होता.
मार्च में नया सत्र शुरू होगा. अगर जल्द ही केंद्रीय विद्यालय खोलने की दिशा में कदम नहीं उठाया गया, तो बच्चों का एक साल और खराब हो जायेगा. इसके लिए हम सड़क पर उतरते रहे हैं, इसे लिए हम सड़क पर उतरते रहेंगे. यह पूछे जाने पर कि अनशन के लिए स्वीकृति का आज आखिरी दिन है, तो उन्होंने कहा कि स्वीकृति के लिए 25 तारीख को ही आवेदन दिया गया है. अगर हमें गिरफ्तार करना है, तो गिरफ्तार कर लें. अगर केंद्रीय विद्यालय खोलने की दिशा में कदम नहीं उठाया गया, तो हम शांतिपूर्ण तरीके से ईंट-से-ईंट बजाने का काम करते रहेंगे.