पटना : जीएसटी के नये रिटर्न से कर चोरी रोकने में मिलेगी मदद

पटना : जीएसटी के आरंभ से ही रिटर्न की जो परिकल्पना की गयी थी. उसे कई तकनीकी कारणों से सतह पर नहीं लाया जा सका था. इसलिए आरंभ से ही जीएसटी में टैक्स जमा करने के लिए जीएसटीआर-3बी के रूप में वैकल्पिक व्यवस्था की गयी थी. विभाग एक बार फिर से जीएसटी रिटर्न भरने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2019 7:05 AM
पटना : जीएसटी के आरंभ से ही रिटर्न की जो परिकल्पना की गयी थी. उसे कई तकनीकी कारणों से सतह पर नहीं लाया जा सका था. इसलिए आरंभ से ही जीएसटी में टैक्स जमा करने के लिए जीएसटीआर-3बी के रूप में वैकल्पिक व्यवस्था की गयी थी.
विभाग एक बार फिर से जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया में परिवर्तन करने जा रहा है. इस संबंध में वरीय चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश खेतान ने बताया कि जीएसटी द्वारा एक अप्रैल, 2020 से नया रिटर्न फॉर्म लाया जायेगा और अभी इसके लिए सभी अंचलों में ट्रायल रन करवाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इस दौरान सभी डीलर की ओर से दिये गये फीडबैक के आधार पर विभाग इस रिटर्न में जरूरी परिवर्तन कर इसे लागू करने के पूर्व ही कर सकेगा, जिससे की जब इसे अनिवार्य किया जाये, तो किसी को असुविधा न हो. साथ ही जीएसटी के शुरू में जो खरीद और बिक्री के मिलान की परिकल्पना की गयी थी, उसे लागू किया जा सके.
इससे कर की चोरी रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि नयी व्यवस्था में कुल तीन तरह के रिटर्न फॉर्म सहज, सुगम और नाॅर्मल के नाम से लाये गये हैं. साथ ही आउटवर्ड सप्लाइ के लिए एनेक्सर-एक भी भरना पड़ेगा. इसी तरह एनेक्सर-1 के आधार पर प्राप्तकर्ता को एनेक्सर-2 में उसकी जानकारी उपलब्ध करानी होगी, जिसे वह एक्सेप्ट, रिजेक्ट या पेंडिंग मार्क कर सकता है.
इसके आधार पर उसे इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त होगा. इस पूरे रिटर्न को उपयोगिता के आधार पर बनाया गया है, जिसमें वैसे व्यापारी जो केवल बीटूसी माल बेचते हैं और वैसी सप्लाइ प्राप्त करते हैं, जिस पर की रिवर्स चार्ज के तहत टैक्स दिया जाना है, वे सहज रिटर्न का उपयोग कर सकते हैं. लेकिन, अगर वे इ-कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से भी माल बेचते हैं, तो उन्हें सहज के माध्यम से रिटर्न भरने की सुविधा नहीं होगी.

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