जल-जीवन-हरियाली मिशन : सभी प्रखंडों में खुलेगी निजी नर्सरी, सरकार देगी सुविधा, नहीं होगी पौधों की कमी
पटना : राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अधिक पौधों की आवश्यकता को पूरा करने और लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सभी प्रखंडों में निजी नर्सरी खोली जायेंगी. इसे बनाने और चलाने में सरकार मदद करेगी. साथ ही नर्सरी से 11 रुपये प्रति पौधे की दर सरकार उसे खरीदेगी. इसके लिए पर्यावरण, वन […]
पटना : राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अधिक पौधों की आवश्यकता को पूरा करने और लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सभी प्रखंडों में निजी नर्सरी खोली जायेंगी. इसे बनाने और चलाने में सरकार मदद करेगी.
साथ ही नर्सरी से 11 रुपये प्रति पौधे की दर सरकार उसे खरीदेगी. इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में 15 दिसंबर तक आवेदन किया जा सकता है. विभाग के सूत्रों का कहना है कि नर्सरी खोलने की आवश्यक शर्त यह है कि आवेदक के पास अपनी या लीज पर समतल जमीन होनी चाहिए. उस जमीन में 100 मीटर के दायरे में सिंचाई की सुविधा होनी चाहिए. वहीं, जीविका समूह और नर्सरी चलाने में अनुभव रखने वालों को प्राथमिकता दी जायेगी.
ये पौधे लगाये जायेंगे
प्रत्येक नर्सरी में सागवान,
सेमल, गम्हार, महोगनी, पीपल, कटहल, आंवला, बड़, पाकड़, अमलतास, महुआ, नीम, शीशम, इमली, अर्जुन, बकैन, करंज, खैर आदि पौधे लगाये जायेंगे.
आवेदकों को क्या देना होगा : जमीन
का मालिकाना प्रमाणपत्र, हाल का लगान रसीद, लीज पर जमीन ली गयी हो तो एकरारनामा की रसीद, बैंक पासबुक का फोटो स्टेट, इसमें कम- से -कम 20 हजार रुपये होने चाहिए. जीविका समूह के मामले में यह शर्तें लागू नहीं होंगी, लेकिन उनके आवेदन पर जीविका के सीइओ से अनुशंसा करानी होगी.
कैसे करें आवेदन
नर्सरी लगाने के इच्छुक
लोगों की जमीन जिस जिले में होगी वहां के वन क्षेत्र कार्यालय या वन प्रमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. इसके साथ ही हरियाली मिशन की वेबसाइट hariyalimissio-@gmail.com पर इ-मेल कर सकते हैं. विशेष जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में सुबह 10.30 से शाम पांच बजे तक मोबाइल नंबर 9473045992 पर संपर्क किया जा सकता है.
सरकार से मिलेगी मदद
नर्सरी लगाने के संबंध में विशेषज्ञों से जानकारी उपलब्ध करवाने में सरकार मदद करेगी. साथ ही इसे लगाने में कम कीमत पर पॉलीथिन उपलब्ध करवाया जायेगा. नर्सरी में गोबर, खाद, रासायनिक खाद, उपकरण आदि कम कीमत पर उपलब्ध करवाने में भी मदद की जायेगी.