बिना रजिस्ट्रेशन वाली नगर निगम की गाड़ियों पर रोक
पटना : पटना हाइकोर्ट ने बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही पटना नगर निगम की 925 गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगा दी है. साथ ही नगर विकास विभाग को इसकी जांच कराने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाले खंडपीठ ने एडवोकेट निर्भय प्रशांत की लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई […]
पटना : पटना हाइकोर्ट ने बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही पटना नगर निगम की 925 गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगा दी है. साथ ही नगर विकास विभाग को इसकी जांच कराने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाले खंडपीठ ने एडवोकेट निर्भय प्रशांत की लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
कोर्ट ने सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं. कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि पटना नगर निगम क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन के निगम की 925 गाड़ियां चल रही हैं. इनमें से 25 गाड़ियां विदेश से लायी गयी हैं. नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कुल 925 वाहनों में से 861 का रजिस्ट्रेशन हो गया है.
विदेश से आये 25 वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. इस पर कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि आखिर एक साल से बिना रजिस्ट्रेशन के पटना नगर निगम के वाहन कैसे चल रहे हैं? यह बहुत ही गंभीर मामला है. कोर्ट ने मामले की जांच का आदेश देते हुए चार सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है.
दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड वाहनों पर बिहार में लगेगा जुर्माना
पटना. टैक्स चोरी के उद्देश्य से वाहन मालिक लक्जरी और अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन झारखंड या अन्य राज्यों से कराते हैं और चोरी-छिपे स्थायी तौर पर बिहार में चलाते हैं, तो उन्हें जुर्माना भरना होगा. राज्य सरकार का मानना है कि यह नियम का उल्लंघन है और इससे राजस्व घाटा हो रहा है. ऐसे में झारखंड समेत अन्य राज्यों से रजिस्टर्ड वाहनों का बिहार में स्थायी तौर पर परिचालन करने वाले वाहनों के मालिकों से जुर्माना वसूला का निर्देश सभी डीटीओ, एमवीआइ व प्रवर्तन दारोगा को दिया है. इसके लिए राज्य भर में विशेष अभियान चलाया जायेगा. फिलहाल अभियान के दौरान पटना में झारखंड समेत अन्य राज्यों के 21 वाहनों पर कार्रवाई की गयी है.
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने कहा है कि झारखंड के वास्तविक वाहन मालिकों को बिहार में गाड़ी चलाने में कोई परेशानी नहीं होगी. वे पेट्रोल पंप रसीद, ड्राइविंग लाइसेंस, टोल प्लाजा की रसीद, झारखंड के पते का आधार कार्ड, डीएल या अन्य कोई भी प्रमाणपत्र दिखा कर झारखंड से आने का प्रूफ दिखा सकते हैं, तो उन्हें जुर्माना नहीं देना पड़ेगा.
सात दिनों में मिल जायेगा बिहार का नंबर
झारखंड और अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराकर स्थायी रूप से बिहार में गाड़ी चलाने वालों को अब बिहार का नंबर लेना पड़ेगा. सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. आवेदन प्राप्त जमा होने के सात दिनों के अंदर बिहार का नंबर मिलेगा. वाहन मालिक को स्थानीय डीटीओ कार्यालय में विहित प्रपत्र में आवेदन और एनओसी प्रमाणपत्र के अनुरोध संबंधी साक्ष्य के अतिरिक्त अन्य कागजात जमा करने होंगे.