20 कर्मियों के संस्थान में एक दिव्यांग को रखना अनिवार्य

पटना : राज्य आयुक्त नि:शक्तता डॉ शिवाजी कुमार ने कहा कि किसी भी निजी संस्थान में कार्यरत 20 कर्मचारियों में एक दिव्यांगजन को रखना अनिवार्य है. अगर नयी नियुक्ति की जा रही है, तो दिव्यांगजन समान अवसर नीति के तहत दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 21(2) का पालन करना जरूरी है. अन्यथा अधिनियम का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2019 5:46 AM

पटना : राज्य आयुक्त नि:शक्तता डॉ शिवाजी कुमार ने कहा कि किसी भी निजी संस्थान में कार्यरत 20 कर्मचारियों में एक दिव्यांगजन को रखना अनिवार्य है. अगर नयी नियुक्ति की जा रही है, तो दिव्यांगजन समान अवसर नीति के तहत दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 21(2) का पालन करना जरूरी है.

अन्यथा अधिनियम का पालन नहीं करनेवाले निजी संस्थानों का निबंधन रद्द होगा. अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर मंगलवार को पूरे राज्य में अधिनियम 2016 की धारा 21(2) को लागू कर दिया गया है.
राज्य आयुक्त नि:शक्तता कार्यालय में निजी स्थापन के लिए दिव्यांगजन समान अवसर नीति जारी करते हुए पत्रकारों से बातचीत में डॉ शिवाजी ने उक्त बातें कहीं. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत समान अवसर नीति लागू करते हुए निजी संस्थानों में दिव्यांगों को पांच फीसदी आरक्षण मुहैया कराना है.
साथ ही नियम के अनुसार सुविधा भी देनी है. राज्य सरकार ने राज्य आयुक्त नि:शक्तता कार्यालय में इस संबंध में निबंधन कराया है. निजी संस्थानों को भी इस मद में मुख्य आयुक्त या राज्य आयुक्त के पास निबंधन कराना है.
दिव्यांगजन अधिकार नियमावली 2017 राज्य में लागू : राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की दिव्यांगजन अधिकार नियमावली 2017 को लागू किया है. राज्य आयुक्त नि:शक्तता डॉ शिवाजी कुमार ने कहा कि निजी संस्थान खासकर कंपनी फर्म, सहकारी या अन्य सोसाइटी, न्यास, अभिकरण, संस्था, संगठन, संघ कारखाना आदि को नियम का पालन करना है.
कानून का पालन नहीं होने पर जहां से निजी संस्थान का निबंधन कराया होगा, उसे रद्द करने के लिए लिखा जायेगा. निजी संस्थानों में दिव्यांगों की सुविधा के लिए रैंप सहित अन्य सुविधाएं विकसित करनी होंगी. मौके पर अपर आयुक्त डॉ शंभु कुमार रजक ने कहा कि निजी संस्थानों को प्रावधान के अनुरूप अपनी समान अवसर नीति का प्रकाशन करना है.

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