पटना : साला और पत्नी के नाम पर जमा की अवैध संपत्ति

निगरानी की टीम ने मुजफ्फरपुर अवर निबंधक के तीन और प्रवर्तन निरीक्षक के चार ठिकानों पर की छानबीन पटना : निगरानी ब्यूरो की छह विशेष टीमों ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में मुजफ्फरपुर के जिला अवर निबंधक और समस्तीपुर के परिवहन प्रवर्तन निरीक्षक के सात ठिकानों पर सुबह चार बजे तक छापेमारी की. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2019 9:31 AM
निगरानी की टीम ने मुजफ्फरपुर अवर निबंधक के तीन और प्रवर्तन निरीक्षक के चार ठिकानों पर की छानबीन
पटना : निगरानी ब्यूरो की छह विशेष टीमों ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में मुजफ्फरपुर के जिला अवर निबंधक और समस्तीपुर के परिवहन प्रवर्तन निरीक्षक के सात ठिकानों पर सुबह चार बजे तक छापेमारी की. रविवार की अहले सुबह तक चली छापेमारीके दौरान निगरानी की विशेष टीम को दोनों भ्रष्ट अधिकारियों के यहां से बड़ी संख्या में दस्तावेज हाथ लगे. फिलहाल इनकी जांच चल रही है. इसके बाद ही पूरी तरह से स्पष्ट हो पायेगा कि कितने की अवैध संपत्ति इन्होंने खड़ा कर ली है.
हालांकि अब तक हुई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मुजफ्फरपुर जिला अवर निबंधक संजय कुमार गवालिया ने अपने साला, तो समस्तीपुर के परिवहन प्रवर्तन निरीक्षक श्यामनंदन प्रसाद ने अपनी दूसरी पत्नी बबिता कुमारी के नाम पर काफी अवैध संपत्ति जमा की है. संजय कुमार के मुजफ्फरपुर स्थित घर से बरामद दस्तावेजों में साला के नाम पर बड़ी संख्या में संपत्ति की बात सामने आयी है. पटना स्थित घर में जो दस्तावेज शनिवार को मिले थे, उसमें पत्नी और बेटी के नाम पर ही बड़ी संख्या में अवैध संपत्ति की बात सामने आयी थी.
फिलहाल साला के नाम पर मौजूद तमाम संपत्ति की जांच चल रही है. मुजफ्फरपुर वाले घर में बड़ी संख्या में किसान विकास पत्र समेत अन्य में निवेश के प्रमाण मिले हैं. अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज कहीं अन्य या लॉकर में रखने की बात सामने आ रही है. इसकी जांच चल रही है.
वहीं, श्यामनंदन प्रसाद ने बाद में अपनी दूसरी पत्नी बबीता कुमारी के नाम पर बड़ी संख्या में संपत्ति खरीदी है. बाद में जब उनके घर की गहन जांच की गयी, तो यह हकीकत सामने आयी है. हालांकि उनके पास से जब्त सभी दस्तावेजों की जांच चल रही है. पटना के कदमकुआं, सैदपुर, अशोक नगर के अलावा समस्तीपुर स्थित उनके आ‌वास और कार्यालय की जांच में कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें उनकी अवैध संपत्ति की फेहरिस्त में जोड़ा जा रहा है. इससे उनकी काली कमाई का आंकड़ा बढ़ेगा.

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