पटना मेट्रो से जुड़ेगा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल
पटना : राज्य का पहला अंतरराज्जीय टर्मिनल अगले वर्ष मार्च तक तैयार हो जायेगा. सबसे बड़ी बात है कि अब अंतरराज्जीय बस टर्मिनल को मेट्रो के डिपो से भी जोड़ा जा रहा है. यानी कोई भी व्यक्ति पटना जंक्शन से मेट्रो से आइएसबीटी कुछ ही मिनटों में पहुंच पायेगा. बस टर्मिनल भवन में एक डी […]
पटना : राज्य का पहला अंतरराज्जीय टर्मिनल अगले वर्ष मार्च तक तैयार हो जायेगा. सबसे बड़ी बात है कि अब अंतरराज्जीय बस टर्मिनल को मेट्रो के डिपो से भी जोड़ा जा रहा है. यानी कोई भी व्यक्ति पटना जंक्शन से मेट्रो से आइएसबीटी कुछ ही मिनटों में पहुंच पायेगा. बस टर्मिनल भवन में एक डी ब्लॉक भी निर्माण किया जा रहा. जिसमें होटल की सुविधा, सिनेमा हॉल से लेकर तमाम व्यावसायिक गतिविधियां की सुविधा रहेगी. बुडको के एमडी डाॅ चंद्रशेखर सिंह ने मंगलवार को टर्मिनल निर्माण कार्य का निरीक्षण किया.
टर्मिनल निर्माण में प्रतिदिन 800 लोग कर रहे काम, डी ब्लॉक के 7 फ्लोर पूरे
फिलहाल, चार ब्लॉकों में से तीन ब्लॉक को फाइनल टच देने का काम किया जा रहा है. डी ब्लॉक के दस में से सात फ्लोरों के काम पूरे हो चुके हैं. टर्मिनल निर्माण में प्रतिदिन 800 लोग काम कर रहे हैं. एमडी ने कहा कि फंड की राशि मिलने में देरी के कारण कई बार काम की रफ्तार धीमी हुई है, क्योंकि विभाग से पैसा पहले नगर निगम के एकाउंट में जाता है. उसके बाद बुडको को निर्माण का पैसा मिलता है. एमडी के साथ अन्य लोग भी मौजूद थे.
बस टर्मिनल की बाउंड्री करने में आ रही समस्या
एमडी ने बताया कि बस टर्मिनल की बाउंड्री करने में समस्या आ रही है. आइएसबीटी के निकास द्वार पर पूरब की तरफ बाउंड्री लाइन में एक घर आ रहा है, जिसे तोड़ने की जरूरत है. इसके लिए एक रिपोर्ट बनाकर डीएम को पूर्व में सौंपा गया है. वहीं दक्षिण तरफ कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा जमीन विवाद का मामला सामने आया है.
90 करोड़ का तत्काल खर्च
बस टर्मिनल का काम 2017 में शुरू किया गया था. निर्माण कार्य दो वर्ष में पूरे होने थे. अब दिसंबर से डेडलाइन को बढ़ा कर मार्च किया गया है.
बुडको एमडी ने बताया कि टर्मिनल निर्माण की योजना 302 करोड़ की है. इसमें अब तक 194 का काम पूरा कर लिया गया है. अभी निर्माण एजेंसी 90 करोड़ के तत्काल खर्च बता रही है. उसे पूरा करना है. गौरतलब है कि टर्मिनल 25 एकड़ में फैला हुआ है. इसमें दो आठ-आठ फ्लोर के व एक दस फ्लोर का भवन है, जबकि चौथा डी ब्लॉक भवन पूर्ण रूप से व्यावसायिक बनाया गया है.