पटना : संशोधित नागरिकता अधिनियम को लेकर चल रहे विवाद के बीच आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा है कि ”हजारों जख्म खाकर भी वह दुश्मनों का सामना करने के लिए डटे हुए हैं.” बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उर्दू की कुछ पंक्तियां पोस्ट कर इस मुद्दे पर अपनी भावनाएं प्रकट कीं. वह चारा घोटाला मामले में रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं.
लालू के करीबी सहयोगियों द्वारा संभवत: संचालित किये जानेवाले ट्विटर हैंडल पर शुक्रवार को यह पोस्ट किया गया, ”अभी आंखों की शमाएं जल रही हैं, उसूल जिंदा है, आप लोग मायूस मत होना अभी बीमार जिंदा है, हजारों जख्म खाकर भी मैं दुश्मन के मुकाबिल (डटा हुआ) हूं, खुदा का शुक्र अब तक दिल-ए-खुद्दार (आत्म सम्मान) जिंदा है.” इस ट्वीट में लालू की एक पुरानी जनसभा की वीडियो फुटेज भी है. इसमें वह काला धन वापस लाने का वादा पूरा करने में नाकाम रहने और आरएसएस के कथित सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ाने को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते नजर आते हैं.
नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जेडीयू के संसद में मतदान करने के मद्देनजर राजद इस अवसर को भुनाने की संभवत: कोशिश कर रहा है. पार्टी मुसलमानों के उस हिस्से का समर्थन वापस पाने के लिए इसे एक अवसर मान रही है, जो जेडीयू के समर्थक हो गये थे. लालू के ताजा प्रहार के मद्देनजर जेडीयू ने आरजेडी प्रमुख के एक पुराने भाषण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने 1989 के भागलपुर दंगों को लेकर कांग्रेस पर प्रहार किया था.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने ट्वीट किया, ”धर्मनिरपेक्षता का प्रमाणपत्र बांटने को अधीर लालू प्रसाद स्मृतिलोप से पीड़ित तो नहीं! याद करें! 29 दिसंबर, 1989 को लोकसभा में नियम 193 के तहत चर्चा में अपनी टिप्पणी को (भागलपुर दंगे के लिए कांग्रेस को चिह्नित कर उन्होंने कहा था) बीजेपी और आरएसएस को बदनाम करने के लिए दंगे कराये गये.” बिहार में मंत्री कुमार ने उस भाषण का स्क्रीन शॉट भी साझा किया और उसके संबद्ध अंशों को रेखांकित किया. उल्लेखनीय है कि लालू 1989 में छपरा से सांसद थे, जब वीपी सिंह नीत उनका जनता दल केंद्र के शासन में था और बीजेपी बाहर से समर्थन दे रही थी.