बाल श्रमिकों को छुड़ाने घर-घर जायेंगे अधिकारी
पटना : श्रम संसाधन विभाग ने 2020 दिसंबर तक राज्य को बालश्रम मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए विभाग ने बैठक कर निर्णय लिया है कि अधिकारी बाल श्रमिकों को खोजने के लिए घर-घर जायेंगे. विभाग ने 38 जिलों में बाल श्रमिकों को छुड़ाने के लिए सात सदस्यीय टीम बनाने का निर्णय लिया […]
पटना : श्रम संसाधन विभाग ने 2020 दिसंबर तक राज्य को बालश्रम मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए विभाग ने बैठक कर निर्णय लिया है कि अधिकारी बाल श्रमिकों को खोजने के लिए घर-घर जायेंगे.
विभाग ने 38 जिलों में बाल श्रमिकों को छुड़ाने के लिए सात सदस्यीय टीम बनाने का निर्णय लिया गया है, जो सामाजिक संगठनों और समाजसेवी के साथ मिलकर घूमेंगे. विभाग सबसे पहले घरेलू बच्चों को छुड़ाने के लिए पटना, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, बक्सर, मुंगेर व लखीसराय से इस अभियान की शुरुआत करेगा.
विभाग बाल श्रमिकों को छुड़ाने के लिए गांव-शहर में जागरूकता अभियान चलायेगा. इस अभियान में बालश्रम कराने वालों से 20 से 50 हजार तक जुर्माना वसूला जायेगा और छह से एक साल तक जेल भेजेने की कार्रवाई की जायेगी.
विभाग ने तय किया है कि जुर्माना और जेल की जानकारी लाउडस्पीकर से राज्य भर में पहुंचायी जायेगी, ताकि लोगों में डर बढ़े. श्रम विभाग के आंकड़ों को देखे, तो 2017 से 2019 नवंबर तक 1261 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया गया है. इनमें से 323 बच्चों को विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में पढ़ाई के लिए भेजा गया है.
रेस्क्यू के बाद सभी बच्चों को चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ा गया है.
व्यावसायिक एरिया बालश्रम से होगा मुक्त
अधिकारियों के मुताबिक व्यावसायिक एरिया को बालश्रम से मुक्त कराने के लिए एक अलग से टीम जिलों में काम करेगी. इसमें कारखाना अधिकारियों का सहयोग लिया जायेगा. छोटी-बड़ी दुकानों पर विभाग के अधिकारियों की टीम जायेगी और हर दिन की रिपोर्ट जिलों से विभाग में एकत्रित की जायेगी.
व्यावसायिक क्षेत्र नगर पर्षद कोईलवर, खगड़िया सदर, बोधगया, शिवहर सदर, सारण (रिविलगंज), मुजफ्फरपुर (मोतीपुर), सुपौल (त्रिवेणीगंज), लखीसराय सदर, बेगूसराय सदर, मधेपुरा (मुरलीगंज) , हिसुआ, इस्लामपुर, भभुआ, शेखपुरा सदर, गोपालगंज (बरौली), महाराजगंज, नरकटियागंज, दरभंगा सदर और किशनगंज (ठाकुरगंज) को बालश्रम मुक्त घोषित किया गया है.
बिहार को बाल श्रम से मुक्त कराने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया गया है. 2020 में अधिकतर जिले बालश्रम से मुक्त हो जायेंगे. इस दिशा में सख्ती से अभियान चलेगा.
विजय कुमार सिन्हा, मंत्री, श्रम संसाधन विभाग.