बाढ़ के समाधान के लिए बनायी जाये राष्ट्रीय गाद नीति: सुशील मोदी

पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कानपुर में राष्ट्रीय गंगा पर्षद की पहली बैठक में शनिवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गंगा सहित बिहार की अन्य नदियों में गाद की वजह से आने वाली बाढ़ की समस्या को प्रमुखता से उठाया. साथ ही राष्ट्रीय गाद नीति बनाने की मांग की. वे मुख्यमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2019 3:57 AM

पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कानपुर में राष्ट्रीय गंगा पर्षद की पहली बैठक में शनिवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गंगा सहित बिहार की अन्य नदियों में गाद की वजह से आने वाली बाढ़ की समस्या को प्रमुखता से उठाया. साथ ही राष्ट्रीय गाद नीति बनाने की मांग की. वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति में बिहार का पक्ष रख रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्र के अन्य आठ मंत्रियों के साथ सुशील कुमार मोदी ने कानपुर के 128 साल पुराने बंद किये गये सीसामऊ नाले का गंगा में बोटिंग के जरिये निरीक्षण किया.
इससे प्रतिदिन एक करोड़ लीटर गंदा पानी गंगा में प्रवाहित होता था. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने बिहार के सभी 142 नगर निकायों से निकलने वाले दूषित जल को नदियों में प्रवाहित करने की जगह नमामि गंगे परियोजना की तर्ज पर एसटीपी और सीवरेज नेटवर्क का निर्माण कर शोधित करने की मांग की.
मोदी ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के तहत पटना की नौ सीवरेज प्रोजेक्ट सहित राज्य के अन्य 22 शहरों में पांच हजार 186 करोड़ रुपये की लागत से 28 परियोजनाओं पर काम चल रहा है. पटना के बेऊर और करमलीचक में जहां एसटीपी का काम पूरा हो गया है.
किसी की कृपा से मिले नाम पर इतराएं नहीं
पटना. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि जिस परिवार ने अपने पितामह फिरोज खान के वास्तविक उपनाम को मिटाकर गांधी सरनेम का इस्तेमाल किया और जनता को इमोशनल ब्लैकमेल करते हुए देश पर राज किया, उसके किसी शख्स को किसी की कृपा से मिले नाम पर इतराना नहीं चाहिए. राहुल खान गांधी को खुद पर यदि भरोसा है, तो वे अपने वास्तविक नाम से चुनाव लड़कर देख लें.
वैसे, अगर उनका नाम राहुल सावरकर होता, तो वे इमरान खान की भाषा नहीं बोलते. अपनी दूसरी ट्वीट में मोदी ने कहा है कि इंदिरा नेहरू से शादी के बाद गांधी जी प्रेरणा से जो फिरोज खान ‘गांधी’ सरनेम का इस्तेमाल करने लगे. उनके संसदीय योगदान को उनके ही वंशजों ने निर्ममता से मिटाया कि बर्टल फाॅक्स को ‘फिरोज द फारगौटेन गांधी ’किताब लिखनी पड़ी.

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