पटना : शेयर मार्केट से पैसे जुटाकर सड़क बनायेगी एनएचएआइ

जल्द बनेगा बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट पटना : एनएचएआइ अब आमलोगों के पैसों से सड़कों का विकास करेगी. इसके लिए जल्द ही बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) बनाया जायेगा. इसे बनाने की मंजूरी हाल ही मेें केंद्रीय मंत्रिमंडल और सेबी दे चुकी है. नयी योजना के तहत सड़कों के विकास की पूंजी म्यूचुअल फंड या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2019 8:45 AM
जल्द बनेगा बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट
पटना : एनएचएआइ अब आमलोगों के पैसों से सड़कों का विकास करेगी. इसके लिए जल्द ही बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) बनाया जायेगा. इसे बनाने की मंजूरी हाल ही मेें केंद्रीय मंत्रिमंडल और सेबी दे चुकी है.
नयी योजना के तहत सड़कों के विकास की पूंजी म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट के माध्यम से जुटायी जायेगी. फिलहाल जिन एनएच से पिछले एक साल से रोड टैक्स की वसूली हो रही है उन्हें शेयर मार्केट में जारी किया जायेगा. हालांकि, उन सड़कों पर रोड टैक्स लगाने का अधिकार एनएचएआइ के पास सुरक्षित रहेगा. इसका फायदा बिहार सहित देश के सभी राज्यों को होगा. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार सड़क परिवहन से जुड़ी कई परियोजनाओं पर काम कर रही है जिसके लिए पूंजी की जरूरत है.
इनमें भारतमाला परियोजना की सड़कें भी शामिल हैं. अनुमान के मुताबिक इस परियोजना के तहत देश में 24 हजार 800 किलोमीटर सड़कों का विकास किया जाना है. वहीं, बिहार में करीब 1432 किमी सड़कों का निर्माण होना है. इसमें भारत-नेपाल सीमा सड़क का हिस्सा शामिल है. भारतमाला परियोजना के लिए करीब पांच लाख 35 हजार करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है.
यह परियोजना अक्तूबर, 2017 में शुरू हुई थी, इसे निर्धारित समयसीमा में पूरा करने के लिए पैसों की आवश्यकता है. इसी तरह की सरकार की अन्य महत्वाकांक्षी परियोजनाएं भी हैं, जिन्हें समय पर पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत है.
क्या कहते हैं अधिकारी
एनएचएआइ के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) बनने से इसके माध्यम से पूंजी जुटाना आसान हो जायेगा. इसके माध्यम से म्यूचुअल फंड, पीएफआरडीए (पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण) जैसे संस्थान बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश कर सकेंगे. सीमित धन संसाधन वाले एनएचएआइ को परियोजनाओं में पूंजी जुटाने में इससे मदद मिलेगी. इनविट का मकसद भी पूंजी बाजार के माध्यम से अतिरिक्त संसाधनों को जुटाना है.

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