पटना :सात दिनों की जगह 15 दिनों में बन रहा जन्म प्रमाणपत्र

नगर निगम के सभी अंचलों में रोजाना जमा हो रहे हैं 300 से अधिक आवेदन पटना : मंगलवार की दोपहर 12:30 बजे नूतन राजधानी अंचल कार्यालय की जन्म-मृत्यु शाखा, जहां दो काउंटर हैं. एक काउंटर पर आवेदन जमा किये जा रहे थे, तो दूसरे काउंटर पर आवेदकों को जन्म प्रमाणपत्र दिया जा रहा था. जिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2019 9:28 AM
नगर निगम के सभी अंचलों में रोजाना जमा हो रहे हैं 300 से अधिक आवेदन
पटना : मंगलवार की दोपहर 12:30 बजे नूतन राजधानी अंचल कार्यालय की जन्म-मृत्यु शाखा, जहां दो काउंटर हैं. एक काउंटर पर आवेदन जमा किये जा रहे थे, तो दूसरे काउंटर पर आवेदकों को जन्म प्रमाणपत्र दिया जा रहा था. जिन आवेदकों ने 10 से 15 दिनों पहले आवेदन जमा किया था, उनको मंगलवार को प्रमाणपत्र मिल रहा था. वहीं, गर्दनीबाग के रहने वाले रमेश कुमार 20 दिन पहले जन्म लिये बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने पहुंचे थे, जिनका आवेदन काउंटर पर आवेदन जमा नहीं लिया गया. रमेश को हॉस्पिटल रिकॉर्ड मिलाने के लिए मौर्यालोक स्थित निगम मुख्यालय भेज दिया गया.
नूतन राजधानी अंचल में स्थित जन्म-मृत्यु शाखा में 32 वार्डों के लोग जन्म प्रमाणपत्र बनवाने पहुंचते हैं. वार्डों की संख्या अधिक होने से रोजाना औसतन 80 आवेदन जमा होते हैं. लेकिन, डाटा ऑपरेटरों की कमी से इनका रोजाना रजिस्ट्रेशन नहीं होता है. मंगलवार को 14 से 16 दिसंबर तक प्राप्त किये गये आवेदनों का रजिस्ट्रेशन हो रहा था. कर्मी बताते हैं कि कर्मियों की कमी के साथ-साथ दो दिनों से प्रिंटर खराब है. इससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही है, जिससे आवेदकों को प्रमाणपत्र लेने के लिए 15 दिनों पर बुलाया जाता है.
नहीं हो पाता है हस्ताक्षर : नूतन राजधानी अंचल के साथ-साथ बांकीपुर, कंकड़बाग, पटना सिटी और अजीमाबाद अंचल कार्यालयों में जन्म प्रमाणपत्र के आवेदन जमा होते हैं. इन कार्यालयों में रोजाना 300 से अधिक जन्म प्रमाणपत्र बनवाने को लेकर आवेदन आते हैं. इनको रजिस्ट्रेशन कर अगले दिन रजिस्ट्रार से हस्ताक्षर करवा लेना है. लेकिन, निर्धारित समय सीमा के अनुरूप रजिस्ट्रेशन व हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही है.
आवेदक भी समय से नहीं लेने आते हैं प्रमाणपत्र
एक माह पहले जन्म प्रमाणपत्र बनवाने को लेकर आवेदन जमा किया था. आवेदन जमा करने के दिन 10 दिनों के बाद बुलाया गया. लेकिन, आकर लौटना नहीं पड़े, यह सोच मैं एक माह बाद आया तो प्रमाणपत्र मिल गया.
सुधीर कुमार पांडेय, अनिसाबाद
20 सितंबर को आवेदन जमा किया था. 10 दिनों बाद आया, तो बिना प्रमाणपत्र के लौटना पड़ा था. इस परेशानी से बचने के लिए दो माह बाद पहुंचे, तो प्रमाणपत्र बना मिल गया.
अजीत कुमार, आनंदपुरी
क्या कहते हैं
अंचल कार्यालयों से रोजाना जन्म प्रमाणपत्र को लेकर आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, जिसका रोजाना निष्पादन किया जा रहा है. प्रयास है कि तीन से चार दिनों में जन्म प्रमाणपत्र आवेदक को मिल जाये. इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.
डॉ महेंद्र प्रसाद,
रजिस्ट्रार, नगर निगम

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