पटना: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और एनआरसी के विरोध में बृहस्पतिवार को वामदलों के देशव्यापी बंदको लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया है. सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कहा है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के भ्रष्टाचार और कुशासन का लंबे समय तक साथ देने के कारण बिहार में वामपंथियों का जनाधार तो 20 साल पहले खत्म हो चुका है, इसलिए इनके बिहार बंद के दौरान कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ के अलावा हर जगह शांति रही. बंद फ्लॉप रहा. उन्होंने कहा कि जनता ने वामदलों का साथ नहीं दिया, क्योंकि नागरिकता कानून किसी भारतीय के खिलाफ नहीं है.
सुशील मोदी नेआगे कहा कि भारत के कम्युनिस्टों को मुसलमानों की इतनी ही चिंता है तो इन लोगों ने चीन के उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न और उन्हें यातना शिविर में डाले जाने के खिलाफ कभी कोई धरना-प्रदर्शन क्यों नहीं किया? भारत सरकार ने पाकिस्तान सहित किसी भी देश के मुसलमानों को नागरिकता देने के कानून में कोई बदलाव नहीं किया है. गायक अदनान सामी सहित 566 पाकिस्तानी मुसलमानों को भारत की नागरिकता दी गयी है.वहीं, दूसरी ओर मुसलिम समुदाय को गुमराह कर कामरेड हिंसा और तोड़फोड़ करा रहे हैं. बिहार ऐसी राजनीति की कब्र खोद चुका है.
उपमुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि कामरेडों ने चारा घोटाला से लेकर दलितों के नरसंहार और माल-मिट्टी-जमीन घोटाले तक पर चुप्पी साध कर लालू प्रसाद का हमेशा बचाव करते हुए खुद ही अपने पांव काट लिए हैं. यह विडम्बना ही है कि दूसरों को विश्वासघाती बताने वाले लालू प्रसाद ने न लोकसभा चुनाव में वामपंथियों का समर्थन किया, न बिहार बंद में साथ दिया. 1962 के चीनी आक्रमण का समर्थन करने वालों ने भारतीय इतिहास और दलितों-पिछड़ो के साथ जो छल किया, उसका परिणाम वे भुगत रहे हैं.