पीपीयू विवाद में सुधार नहीं, तो एक्शन तय
पटना : पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में विवाद पर राजभवन वेट एंड वाच की स्थिति में है. अगर विवाद में सुधार नहीं हुआ, तो वह सख्त एक्शन ले सकता है. विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के बीच चल रहे विवाद पर राजभवन गंभीर है. राजभवन को दोनों पक्षों की बात जानकार साफ कर दिया गया है […]
पटना : पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में विवाद पर राजभवन वेट एंड वाच की स्थिति में है. अगर विवाद में सुधार नहीं हुआ, तो वह सख्त एक्शन ले सकता है. विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के बीच चल रहे विवाद पर राजभवन गंभीर है. राजभवन को दोनों पक्षों की बात जानकार साफ कर दिया गया है कि अब विवाद नहीं होना चाहिए. मर्यादा नहीं लांघी जाये.
कुलपति और प्रति कुलपति के बीच चल रहा विवाद थमे, इसकी कम गुंजाइश दिख रही है, क्योंकि बात थाना तक जा चुकी है. कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं है. हालांकि जानकारों का कहना है कि कॉलेज में लगातार चल रहे विवाद के पीछे कॉलेज से बाहर की कुछ ताकतें भी जिम्मेदार हैं, जो किसी एक के पक्ष में दिख रही हैं.
जानकारों के मुताबिक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में पांच डीन को बैठने की जगह तक नहीं मिल सकी है, जबकि कई दबंग अफसर हैं, जो एक से अधिक कमरों पर जमे हुए हैं. बता दें कि विश्वविद्यालय में गार्जियन, बुद्धिस्ट , आंबेडकर चेयर, दीनदयाल चेयर और दूसरे सेंटर हैं, जिनके लिए कोई जगह नहीं है. इन सभी के लिए जमीन तलाशने के दौरान विवाद ने जोर पकड़ा था.
हो सकती है बड़ी उठा-पटक : सूत्र बताते हैं कि माहौल को खराब करने में कुछ छात्र नेता भी जिम्मेदार बताये जा रहे हैं. हालांकि विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में इस यूनिवर्सिटी में कुछ बड़ी उठा पटक होने वाली है. फिलहाल जानकारों का कहना है कि विवादों से पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की छवि खराब हो रही है.
इसका खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है, क्योंकि विश्वविद्यालय में अहम पदों पर बैठे लोग विद्यार्थियों की समस्या सुलझाने में कोई खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं. अहम बात यह है कि विश्वविद्यालय में राजनीतिक रसूख का जम कर प्रदर्शन किया जा रहा है. इस मामले में अभी तक किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया है.
छुट्टी पर गये पीपीयू कुलपति
पटना. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में वीसी-प्रोवीसी का विवाद बढ़ता ही चला जा रहा है. गुरुवार को कुलपति गुलाबचंद जायसवाल नये साल तक के लिए छुट्टी पर चले गये. लेकिन उन्होंने प्रतिकुलपति को चार्ज देने की बजाये स्टूडेंट्स वेलफेयर डीन (डीएसडल्ब्यू) प्रो कौशलेंद्र कुमार सिंह को चार्ज देकर विवाद बढ़ा दिया है. रजिस्ट्रार का चार्ज भी उन्हीं के पास है. प्रतिकुलपति प्रो गिरीश कुमार चौधरी को चार्ज नहीं मिलने पर कुलपति व प्रतिकुलपति के बीच का विवाद और बढ़ने की संभावना है.
जानकारों के अनुसार डीएसडब्ल्यू को कुलपति का प्रभार नहीं दिया जा सकता है. कुलपति-प्रतिकुलपति का मामला राजभवन भी जा पहुंचा है. राजभवन ने दो दिनों में मामला सुलझाने को कहा है. कुलपति व प्रतिकुलपति दोनों ने ही एक दूसरे पर एफआइआर किया हुआ है. यूनिवर्सिटी में कोई भी अधिकारी इस संबंध में बयान नहीं दे रहे हैं. आॅन द रिकार्ड कोई भी बात करने को तैयार नहीं है.
पूर्व रजिस्ट्रार ने भी कुलपति से की थी बगावत : इससे पूर्व रजिस्ट्रार ने भी कुलपति से बगावत की थी, लेकिन उन्हें बाहर जाना पड़ा. कुलपति पर यह अधिकारी लगातार मनमानी का आरोप लगाते रहे हैं. हालांकि दूसरी तरफ अधिकारियों का दूसरा गुट भी है जो कुलपति के पक्ष में हैं और उनका उन पर भरोसा है. कुलपति इनके साथ समन्वय बनाकर चलते हैं.