पटना : नियोजन को लेकर अधिकारियों से मिले बीएड डिग्रीधारी, रखा पक्ष

पटना : प्राथमिक नियोजन की प्रक्रिया में कक्षा एक से पांच तक के नियोजन में डीएलएड डिग्री धारियों को प्राथमिकता दिये जाने के खिलाफ बीएड अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की. बीएड डिग्रीधारियों ने सचिवालय में मौजूद अपर मुख्य सचिव और प्राथमिक शिचा निदेशक के सामने अपना पक्ष रखते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2019 9:08 AM
पटना : प्राथमिक नियोजन की प्रक्रिया में कक्षा एक से पांच तक के नियोजन में डीएलएड डिग्री धारियों को प्राथमिकता दिये जाने के खिलाफ बीएड अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की.
बीएड डिग्रीधारियों ने सचिवालय में मौजूद अपर मुख्य सचिव और प्राथमिक शिचा निदेशक के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रक्रिया के बीच में लिया गया निर्णय नियम के विपरीत है. अभ्यर्थियों ने आग्रह किया कि डीएलएड को प्राथमिकता देने वाले नोटिफिकेशन को इस भर्ती प्रक्रिया में प्रभावी नहीं किया जाये. अफसरों ने बस एक ही जवाब दिया. इस संदर्भ में हम कुछ नहीं कर सकते.
दरअसल बिहार टीइटी-2017/ सीटीइटी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल ने अफसरों को बताया कि प्राथमिक नियोजन प्रक्रिया की अधिसूचना में अगर डीएलएड की प्राथमिकता वाला प्रावधान होता तो कोई बात नहीं थी. हम उसी के मद्देनजर नियोजन प्रक्रिया में भाग लेते.
उल्लेखनीय है कि अधिकतर बीएड धारकों ने कक्षा 6 से 8 के नियोजन मेें कम सीटें होने की वजह से कक्षा एक से पांच के लिए आवेदन किया था.
कई जगह कक्षा 6 से 8 में रिक्तियां ही नहीं
अभ्यर्थियों ने तर्क दिया कि नियोजन बिहार शिक्षक नियमावली 2012 के तहत किया जा रहा है . उसमें ऐसा प्रावधान करना समझ से परे हैं. कई जिलों में नियोजन प्रक्रिया करीब करीब पूरी हो चुकी है.अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रदेश में सैकड़ों ऐसे अनुमंडल हैं, जहां कक्षा 6 से 8 में रिक्तियां ही नहीं हैं. जानकारी के मुताबिक प्राथमिक नियोजन में 70 फीसदी से अधिक नियुक्तियां कक्षा एक से पांच में होनी हैं. जबकि बीएड धारक उनसे कहीं अधिक हैं.

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