पटना : भारतीय सेना ने शनिवार को स्पष्ट किया कि सेना ने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में स्थानांतरित किये जाने वाले अधिकारियों के प्रशिक्षण अकादमी में तकनीकी प्रवेश योजना प्रशिक्षण का प्रस्ताव दिया है. देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के उद्देश्य से यह फैसला किया गया है. सेना के एडीजी (पीआई) ने भी ट्वीट जानकारी दी है किगया ओटीए में खाली किये गये स्थान पर बहुत बड़ी क्षमता वाले केंद्र का कब्जा होगा. इस प्रस्ताव से स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और आईएमए देहरादून में प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे की बेहतरी होगी.
Indian Army: The Army has proposed Technical Entry Scheme (TES) training at Officers Training Academy (OTA) in Gaya be shifted to Indian Military Academy in Dehradun. Aimed to optimize training infrastructure at IMA.Talks & rumours of closure of TES entry is wrong pic.twitter.com/9bYT4OZHhN
— ANI (@ANI) December 21, 2019
#IndianArmy has proposed Technical Entry Scheme (TES) training at OTA Gaya be shifted to IMA Dehradun. Aimed to optimise training infrastructure at IMA. Talks & rumours of closure of TES entry is wrong. TES will continue. pic.twitter.com/pMvW54b8ur
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) December 21, 2019
Space vacated at #OTA Gaya will be occupied by a Centre having much larger strength. Proposal will benefit local economy, employment & optimize training infrastructure at IMA Dehradun.#NationFirst#IndianArmy
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) December 21, 2019
मालूम हो कि गया ओटीए में करीब 750 अधिकारियों के ट्रेनिंग लेने की व्यवस्था है. लेकिन, पिछले आठ सालों में सेना ने पाया कि गया के ओटीए में बहुत कम अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. ट्रेनिंग लेनेवाले अधिकारियों का आंकड़ा 250 से अधिक नहीं हो पा रहा है. मित्र देशों की सैन्य अधिकारियों की प्री-कमीशनंड ट्रेनिंग भी गया के ओटीए में दी जाती है. इसके बावजूद प्रशिक्षण लेने वाले अधिकारियों का आंकड़ा बहुत कम रहा है. सेना ने रक्षा बजट के विवेकपूर्ण इस्तेमाल को लेकर गया ओटीए में तकनीकी प्रवेश योजना को देहरादून में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया है.
बताया जाता है कि गया स्थित ओटीए की जगह अब सिख लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट सेंटर खोला जायेगा. फिलहाल सिख लाइट रेजीमेंट उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में है. करीब 800 एकड़ में फैले गया के ओटीए में सेना ‘टेक्नो-वॉरियर्स’ तैयार करती है. यहां सेना के टेक्नीकल एंट्री स्कीम और स्पेशल कमीशनड ऑफिसर्स के अधिकारियों की प्री-कमीशनंड ट्रेनिंग दी जाती है. टेक्नीकल एंट्री स्कीम अधिकारी इंजीनियर बनकर सेना को सेवाएं देते हैं. ऐसे अधिकारियों को टेक्नो-वॉरियर्स कहा जाता है. जबकि, स्पेशल कमीशनड ऑफिसर्स पहले जवान के पद पर सेना में भर्ती होते हैं और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वे अधिकारी बन जाते हैं.
मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया स्थित भारतीय सेना के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडेमी (ओटीए) को बंद किये जाने की खबर आने के बाद केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर संस्थान को बंद नहीं करने का आग्रह किया था. ओटीए को बंद करने पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. इसके बाद सेना का यह बयान आया है.