पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्रीसुशीलकुमार मोदीने ट्वीटकर कहा है कि राजद को पहले से पता था कि उनके बिहार बंद को सिवा एक गुमराह समुदाय के कट्टरपंथियों के अलावा नागरिकता कानून को ठीक से समझने वाले एक भी आदमी का समर्थन नहीं मिलने वाला है, इसलिए वे पेट्रोल, माचिस और तेल पिलायी लाठी लेकर शांतिपूर्ण लोगों को अपने जंगलराज की याद दिलाने निकले थे. इनका बिहार बंद लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन नहीं, राजनीतिक गुडागर्दी था.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि लालू प्रसाद ने बिहार को चरवाहा विद्यालय, लाठी, गरीबी और पलायन के सिवा दिया ही क्या है? जिनका ग्यान भैंस की पीठ पर चढ़ा रहा और जो कलम-कंप्यूटर के बजाय जो लाठी में तेल पिलाते रहे, उन्हें संविधान की समझ क्या होगी? तेजस्वी यादव ने जेएनयू के टुकड़े-टुकड़े गैंग और एक खास समुदाय को भड़काने में खुद को एक छात्र नेता से ज्यादा असरदार साबित करने के लिए वामदलों से अलग बंद का आयोजन किया था.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के प्रदर्शन में बच्चों का इस्तेमाल हुआ, कई जगह सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और बड़ी संख्या में गरीबों-मजदूरों को दिहाड़ी गंवानी पड़ी. गंभीर रूप से बीमार लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाये. एम्बुलेंस तक को रोका गया. लालू यादव बतायें कि यह बंद क्या केवल पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान के मुसलमानों को भारत की नागरिकता दिलाने की जबरदस्ती के लिए था?