नागरिकता कानून का विरोध : बिहार बंद में कई जगहों पर हंगामा फुलवारीशरीफ में झड़प, चली गोली

राजद सहित विपक्ष के नेता उतरे सड़क पर, 1550 गिरफ्तार पटना : नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के विरोध में राजद का शनिवार को बिहार बंद राज्यभर में असरदार रहा. भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में इसका व्यापक असर देखा गया. कई जिलों में ट्रेनें रोकी गयीं. राजधानी में दोपहर बाद तक बंद का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2019 8:21 AM

राजद सहित विपक्ष के नेता उतरे सड़क पर, 1550 गिरफ्तार

पटना : नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के विरोध में राजद का शनिवार को बिहार बंद राज्यभर में असरदार रहा. भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में इसका व्यापक असर देखा गया. कई जिलों में ट्रेनें रोकी गयीं.

राजधानी में दोपहर बाद तक बंद का असर देखा गया. बंद के दौरान छिटपुट घटनाएं भी हुईं. पटना के फुलवारीशरीफ में बंद समर्थकों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हुई, जिसमें गोली चली. यहां दोनों पक्षों की ओर से दो घंटे तक पथराव होता रहा. इस दौरान एक दर्जन लोग घायल हो गये. पुलिस मुख्यालय ने बताया कि बंद के दौरान राज्यभर में 1550 लोगों को हिरासत में लिया गया.

पटना में राजद नेता तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा, अब्दुल बारी िसद्दीकी, जगदानंद िसंह सहित 20 पर नामजद व 250 अज्ञात पर एफआइआर दर्ज की गयी है. फुलवारीशरीफ में हिंसा भड़कने के मामले में थाना और डीएसपी से पुलिस मुख्यालय ने रिपोर्ट मांगी है.

बंद के दौरान महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस, रालोसपा वीआइपी और हम के नेता भी सड़क पर उतरे. विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीेकी जयप्रकाश यादव, कांति सिंह, उदय नारायण चौधरी और भाई वीरेंद्र आदि वरिष्ठ नेताओं की टोली सड़क पर उतर कर मार्च किया. बंद समर्थकों की भारी भीड़ डाकबंगला चौराहे पर घंटों जमी रही. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा, विधायक अवधेश कुमार सिंह, रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आदि नेता भी सड़क पर उतर कर केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की.

बंद के दौरान राज्य में कई जगह गाड़ियां रोकी गयीं. रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ. बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. पटना के डाकबंगला चौराहे पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बंद समर्थकों को संबोधित किया. करीब आधे घंटे के अपने भाषण में उन्होंने एनडीए सरकार, पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. साथ ही सीएए और एनआरसी को देश और संविधान के लिए बड़ा खतरा बताया.

तेजस्वी ने कहा कि देश में नफरत फैलाने की कोशिश हो रही है. भाजपा सीएए और एनआरसी द्वारा देश को बांटने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सांप्रदायिक शक्तियों के आगे घुटना टेक दिया है. संविधान खत्म करने वाली ताकतों की मदद पर हम चुप बैठने वाले नहीं हैं, ईंट से ईंट बजायेंगे.

तेजस्वी ने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद ने सांप्रदायिक शक्तियों के आगे हार नहीं मानी, जिसके चलते वह जेल में हैं. इसके बावजूद हम डरने वाले नहीं हैं.

उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि ऐसी शक्तियों के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने आमलोगों से लालू प्रसाद को ताकत देने की अपील की. साथ ही कहा कि राजद सीएए के खिलाफ सबसे पहले सड़क पर आयी. नागरिकता संशोधन विधेयक सदन में था तभी इसके खिलाफ जेपी गोलंबर पर विरोध-प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि ऐसे किसी कानून को नहीं मानेंगे जो देश को बांटने की बात करता हो.

भागलपुर के उपद्रवी राजद समर्थकों को पार्टी ने किया निष्कासित

राजद ने शनिवार को बिहार बंद के दौरान भागलपुर में पार्टी के उपद्रवी बंद समर्थकों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया है. साथ ही टेंपो में की गयी तोड़फोड़ की क्षतिपूर्ति देने का एलान किया है.

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो दिखाया गया था. इसमें युवा राजद के भागलपुर जिलाध्यक्ष मिराज चांद और शाहजादा उर्फ बिल्ला बोस एक वीडियो में टेंपो को डंडे से मारते और उसका शीशा फोड़ने का प्रयास करते दिख रहे हैं.

जगदानंद ने राजद के दोनों कार्यकर्ताओं, वीडियो बनाने वाले पत्रकार और टेंपो चालक द्वारा पूर्व प्रायोजित बताया है. साथ ही उन्होंने इसे राजद के बंद को बदनाम करने की साजिश बताते हुए राजद के दोनों कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश जारी किया है. इधर भागलपुर राजद िजलाध्यक्ष ितरुपति यादव को भी पार्टी ने िनष्कािसत कर दिया है.

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