पटना : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना : अब एक माह के अंदर मिलेगा छात्रों को लोन
पटना : बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के प्रति छात्र छात्राओं की रुचि लगातार बढ़ती जा रही है. जैसे जैसे इस योजना का प्रचार प्रसार बढ़ रहा है और लोग इसके प्रति जागरूक हो रहे हैं इसका लाभ लेने वाले लाभुकों की संख्या बढती जा रही है. लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक करने […]
पटना : बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के प्रति छात्र छात्राओं की रुचि लगातार बढ़ती जा रही है. जैसे जैसे इस योजना का प्रचार प्रसार बढ़ रहा है और लोग इसके प्रति जागरूक हो रहे हैं इसका लाभ लेने वाले लाभुकों की संख्या बढती जा रही है. लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लाखों छात्र छात्राओं को लिखा गया व्यक्तिगत पत्र का भी सीधा असर देखने को मिल रहा है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के आवेदकों के लोन हर हाल में एक माह में स्वीकृत होंगे. इसे सुनिश्चित करने का निर्देश सरकार द्वारा हर जिलों को दिया गया है.
योजना में आवेदकों की संख्या बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों –कालेजों में जाकर विद्यार्थियों को इसके लिए प्रेरित करने को कहा गया है. सहूलियत के लिए यह भी निर्देश दिया गया है कि जिस संस्थान में जाएं वहां इसकी सूचना पहले दे दें ताकि उस तिथि को अधिक से अधिक विद्यार्थी वहां उपस्थित रहें. 18 अगस्त 2018 से 11 दिसंबर 2019 तक स्वीकृत लाभुक छात्र छात्राओं की कुल संख्या 74,932 हो गयी है जिसमें छात्रों की संख्या 54,418, छात्राओं की संख्या 20,513 और ट्रांसजेंडर 1 है.
अबतक इस योजना के 74,932 लाभुकों के लिए 19,57,55,41,763/- (उन्नीस सौ संतावन करोड़ पचपन लाख इकतालीस हजार सात सौ तिरेसठ ) रूपये की राशि भी स्वीकृत हो गयी है. 74,932 स्वीकृत लाभुकों में से 62,412 को 7,24.18,79,463/- की राशि वितरित भी कर दी गयी है.
वर्ष 2018-19 में इस योजना के तहत लाभुक छात्र –छात्राओं का लक्ष्य 50,000 का रखा गया था जिसे बढ़ा कर 2019-20 में 75,000 कर दिया गया है. हालांकि सरकार ने निर्णय लिया है कि लक्ष्य से ज्यादा आवेदन आने पर भी सभी चयनित आवेदकों को इसका लाभ दिया जायेगा. अगस्त 2018 में शिक्षा वित्त निगम ने काम करना शुरू किया. 11 दिसंबर 2019 तक 1957.55 करोड़ की ऋण राशि स्वीकृत की जा चुकी है. 724.18 करोड़ जारी भी किये जा चुके हैं जबकि 18 महीने में बैंकों द्वारा इस योजना के तहत सिर्फ 100.63 करोड़ ही जारी हुए थे.
अब तक के 74,932 चयनित लाभार्थियों में 54,418 छात्र ,20,513 छात्राएं और 1 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. इसमें सामान्य वर्ग के 23948 ,पिछड़ा वर्ग के 31,211,अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 11,863 ,एससी के 6893 और एसटी के 1017 छात्र छात्राएं शामिल हैं. लोन पाने वाले बिहार के प्रथम पांच जिलों में पटना- 6187, गया -3242, बेगूसराय 2869 मुजफ्फरपुर-2836, पूर्वी चंपारण -2773 हैं.
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लक्ष्य आवश्यकतानुसार लचीला है ताकि जितने विद्यार्थी इस योजना के लाभ के लिए इच्छुक होंगे उतने विद्यार्थियों को इसका लाभ दिया जायेगा. इस वित्तीय वर्ष 2018-19 में 50,000 वित्तीय वर्ष 2019-20 में 75,000 और वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 1,00,000 अनुमानित विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ उपलब्ध कराने का प्रारंभिक अनुमान है. इस योजना से लाभ लेने के लिए जाति और आय का बंधन नहीं है.
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता के तहत बिहार राज्य के निवासी वैसे विद्यार्थी जिन्होंने बिहार राज्य एवं सीमावर्ती राज्यों से 12वीं कक्षा उतीर्ण की हो तथा उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए इच्छुक हों ,उन्हें बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जायेगा.
इसके लिए अनिवार्य है कि विद्यार्थी द्वारा बिहार एवं अन्य राज्य या केंद्र सरकार के संबंधित नियामक एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में उच्च शिक्षा हेतु नामांकन लिया गया हो या नामांकन के लिए चयनित हो .
यह ऋण उच्च शिक्षा के सामान्य पाठ्यक्रमों, विभिन्न, व्यावसायिक एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए दी जा सकेगी. इस योजना में छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला ये भी लिया गया कि इस योजना के अंतर्गत तकनिकी पाठ्यक्रमों में नामांकित आवेदकों के द्वारा मांग किये जाने पर चार लाख रूपये की अधिसीमा के अंतर्गत अधिकतम रु. 35,000/- रूपये तक मात्र एक बार लैपटॉप क्रय करने के लिए ऋण की स्वीकृति प्रदान की जायेगी तथा यह राशि आवेदकों के खाते में उपलब्ध कराई जायेगी . जुलाई 2019 में विभाग ने निजी संस्थानों के लिए मानक तय कर दिए गए हैं जिन्हें इस योजना में शामिल किया जाना है.
विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद् ,नैक, द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्राप्त ,संस्थान में संचालित विषयों को नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्क्रेडीयेशन द्वारा मान्यता प्राप्त अथवा केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा निर्गत नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की रैंकिंग प्राप्त निजी संस्थानों को ही इस योजना में शामिल किया गया है.
सरकारी संस्थानों के लिए यह बाध्यता नहीं है. बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता के तहत बिहार राज्य के निवासी वैसे विद्यार्थी जिन्होंने बिहार राज्य एवं सीमावर्ती राज्यों से 12वीं कक्षा उतीर्ण की हो तथा उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए इच्छुक हों ,उन्हें बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जायेगा.
इसके लिए अनिवार्य है कि विद्यार्थी द्वारा बिहार एवं अन्य राज्य या केंद्र सरकार के संबंधित नियामक एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में उच्च शिक्षा हेतु नामांकन लिया गया हो या नामांकन के लिए चयनित हो . यह ऋण उच्च शिक्षा के सामान्य पाठ्यक्रमों, विभिन्न, व्यावसायिक एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए दी जा सकेगी.
आवेदक विद्यार्थियों के हॉस्टल में रहने की स्थिति में आवेदक के शैक्षणिक संस्थान को राशि उपलब्ध करायी जायेगी. शिक्षण संस्थान के हॉस्टल में नहीं रहने की स्थिति में विद्यार्थियों के लिए फ़ीस के अतिरिक्त अन्य रहने के खर्च के लिए वर्गीकृत शहरों के लिए निर्धारित की गयी राशि उपलब्ध कराई जाएगी. महंगाई के आधार पर रहने एवं जीवन यापन के दर में आवश्यकतानुसार शिक्षा विभाग द्वारा वृद्धि की जा सकेगी.
विशेष ध्यान देने वाली बात ये है कि लाभार्थियों के द्वारा पढाई को किसी भी कारण से बीच में छोड़ने पर ऋण की शेष राशि संस्थान या विद्यार्थी को उपलब्ध नहीं करायी जाएगी अर्थात इस योजना के तहत विद्यार्थी को शिक्षा ऋण की अगली किश्त उनके संबंधित संस्थान /पाठ्यक्रम में अध्ययनरत रहने की स्थिति में ही उपलब्ध करायी जाएगी. इस योजना के अंतर्गत शिक्षा ऋण अधिकतम चार लाख रूपये तक स्वीकृत की जाएगी.
इस ऋण राशि पर मोरेटोरियम अवधि जो कि पाठ्यक्रम समाप्ति से एक वर्ष तक अथवा आवेदक के नियोजित होने के अधिकतम 6 माह (जो सबसे पहले हो ) तक ब्याज की राशि देय नहीं होगी. इस ऋण राशि पर सरल ब्याज की दर 4 प्रतिशत होगी. इसके अंतर्गत महिला ,दिव्यांग एवं ट्रांसजेंडर आवेदकों को मात्र 1 प्रतिशत सरल ब्याज की दर से ऋण उपलब्ध कराया जायेगा.
ऋण वापसी की प्रक्रिया के अंतर्गत मोरेटोरियम अवधि की समाप्ति के पश्चात 2 लाख रूपये तक के ऋण को अधिकतम 60 मासिक किश्तों में तथा 2 लाख से ऊपर के ऋण को अधिकतम 84 मासिक किश्तों में वापस किया जा सकेगा. उपरोक्त निर्धारित अवधि से पूर्व ऋण वापसी की स्थिति में 0.25 प्रतिशत ब्याज दर की छूट दी जायेगी.
उपरोक्त निर्धारित अवधि में नियोजन नहीं होने या स्वरोजगार एवं अन्य साधनों से आय नहीं होने की स्थिति में ऋण वसूली स्थगित रखी जाएगी , किन्तु इसके लिए प्रत्येक जून एवं दिसम्बर के अंतिम पखवारे में आवेदक को इस आशय का शपथ पत्र उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा कि आवेदक नियोजित /स्वरोजगार अथवा अन्य किसी साधनों से आय प्राप्त नहीं कर रहा है. वैसे नौकरी नहीं मिलने की स्थिति में लोन की राशि को परिस्थितियों के अनुरूप सरकार द्वारा माफ़ करने की दिशा में भी विचार किया जा रहा है.