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साल का आखिरी सूर्यग्रहण आज सुबह 8:20 बजे से, चार राशियों के लिए शुभ

पटना : इस साल का तीसरा व आखिरी सूर्यग्रहण पौष कृष्ण अमावस्या के दिन गुरुवार को लगेगा. सूर्यग्रहण सुबह 8:20 बजे से पूर्वाह्न 11:23 बजे तक रहेगा. इस ग्रहण को बिहार सहित पूरे देश में देखा जायेगा. पंचांग की गणना बताती है कि करीब 58 साल बाद इस तरह का सूर्यग्रहण लगेगा.सूर्यग्रहण चार राशियों के […]

पटना : इस साल का तीसरा व आखिरी सूर्यग्रहण पौष कृष्ण अमावस्या के दिन गुरुवार को लगेगा. सूर्यग्रहण सुबह 8:20 बजे से पूर्वाह्न 11:23 बजे तक रहेगा. इस ग्रहण को बिहार सहित पूरे देश में देखा जायेगा. पंचांग की गणना बताती है कि करीब 58 साल बाद इस तरह का सूर्यग्रहण लगेगा.सूर्यग्रहण चार राशियों के लिए शुभ है. कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि गुरुवार 26 दिसंबर को सुबह के समय कुल 2 घंटे 40 मिनट तक सूर्यग्रहण लगेगा.

ग्रहण का सूतक काल बुधवार को शाम 5: 32 बजे से शुरू होकर ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा. उन्होंने पंचागों का हवाला देते हुए बताया कि ग्रहण का प्रभाव चार राशियों मेष, सिंह, कन्या व मकर राशि वालों के लिए शुभ माना जायेगा.
तुला, मीन, धनु व मिथुन राशि पर मध्यम प्रभाव पड़ेगा. बाकी राशि वालों के लिए अशुभ माना गया है. इस राशि के लोग ग्रहण के समय भगवान शिव की आराधना की अनुकूल प्रभाव बना सकते हैं. ग्रहण काल में अपने इष्ट का जाप, वेद पुराणों का पाठ, शिव स्तुति आदि करना विशेष पुण्यप्रद होता है.
धनु राशि व मूल नक्षत्र में लग रहा सूर्यग्रहण
पंडित झा ने बताया कि सूर्यग्रहण गुरु की राशि धनु व मूल नक्षत्र में लग रहा है. व्यक्तिगत रूप से धनु राशि व मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का विशेष प्रभाव रहेगा. इस बार सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य आग से भरी अंगूठी के आकार का दिखायी देगा.
वैज्ञानिक भाषा में वलयाकार सूर्यग्रहण कहा गया है. ज्योतिष झा के अनुसार सूतक काल में भोजन पकाना व खाना नहीं चाहिए. इस दौरान नये कार्य को शुरू नहीं किया जाता है.
ग्रहण काल से पहले भोज्य पदार्थों में कुश या तुलसी का पत्ता रख सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को चाकू व छुरी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. सूर्य को खुली आंख से नहीं देखना चाहिए. ग्रहण के समय गंगा स्नान, दान, जाप व पाठ आदि किया जाता है.
पंडित झा ने बताया कि सूर्यग्रहण गुरु की राशि धनु व मूल नक्षत्र में लग रहा है. व्यक्तिगत रूप से धनु राशि व मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का विशेष प्रभाव रहेगा.
इस बार सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य आग से भरी अंगूठी के आकार का दिखायी देगा. वैज्ञानिक भाषा में वलयाकार सूर्यग्रहण कहा गया है. ज्योतिष झा के अनुसार सूतक काल में भोजन पकाना व खाना नहीं चाहिए. इस दौरान नये कार्य को शुरू नहीं किया जाता है.
ग्रहण काल से पहले भोज्य पदार्थों में कुश या तुलसी का पत्ता रख सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को चाकू व छुरी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. सूर्य को खुली आंख से नहीं देखना चाहिए. ग्रहण के समय गंगा स्नान, दान, जाप व पाठ आदि किया जाता है.

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